मनोरंजन
मेरी वापसी से दर्शकों का खुश होना लाजिमी है : सुष्मिता सेन
मुंबई। काफी समय तक बॉलीवुड से दूर रहीं अभिनेत्री सुष्मिता सेन का कहना है कि फिल्मों में उनकी वापसी से दर्शकों का खुश होना लाजिमी है। यहां ‘145 ऑल-डे कैफे एंड बार’ के लांच पर अभिनेत्री ने कहा, “मैं काफी समय से यह बात कह रही हूं। अगर मैं फिल्मों में वापसी करूं, तो दर्शकों को अच्छा लगना चाहिए।”
सुष्मिता ने कहा, “बड़े पर्दे पर मेरी वापसी पर दर्शकों का यह कहना जरूरी है कि इसे वापसी कहते हैं और हमें सुष्मिता बहुत पसंद है। आशा है कि इस साल ऐसा हो।” पूर्व ब्रह्मांड सुंदरी को इस साल मनीला में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में देखा गया था।
इस अनुभव को साझा करते हुए सुष्मिता ने कहा, “यह शानदार अनुभव था। 23 साल बाद मैं वापस उसी जगह पर थी, एक निर्णायक के तौर पर। मुझे गर्व महसूस हो रहा था।”
उनकी सुंदरता के बारे में सुष्मिता ने कहा, “मुझे लगता है कि लोग उम्र को बहुत महत्व देते हैं। उम्र बढऩा कोई नई बात नहीं है और हर किसी को इससे गुजरना पड़ता है। मैं इसका आनंद लेना चाहती हूं।” हिंदी फिल्मों में वापसी से पहले सुष्मिता को बांग्ला फिल्म ‘निर्बाक’ में देखा गया था।
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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