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उप्र : बिजली मुद्दे पर भाजपा ने अखिलेश पर साधा निशाना

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बीच बिजली का मुद्दा गरमाता जा रहा है। बिजली के मुददे को लेकर आमने-सामने दिखने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक दूसरे पर निशाना साधा है। भाजपा ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से सवाल किया है कि उत्तर प्रदेश में बिजली चोरी पर सरकार ने कितना अंकुश लगाया है?

भाजपा के प्रदेश महासचिव विजय बहादुर पाठक ने मुख्यमंत्री अखिलेश से यह सवाल पूछा है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि 2012 में बिजली व्यवस्था के लिए काम करने का दावा करने वाले अखिलेश ने वादा किया था कि दो वर्षो में बिजली की उपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 20 घंटे और शहरी इलाकों के लिए 22 घंटे हो जाएगी, साथ ही बिजली चोरी पर भी पूरी तरह से लगाम लग जाएगी।
पाठक ने कहा कि केंद्र सरकार ने शहरी क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए ‘यूआरजेए’ नामक एक एप बनाया है। राज्य सरकार ने बिजली कटौती के आंकड़े अत्यधिक खराब होने के कारण अगस्त 2016 के बाद से इसकी जानकारी इस एप पर देना बंद कर दिया।

उन्होंने बताया कि अगस्त माह के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में पूरे भारत की तुलना में बिजली कटौती की संख्या दोगुनी व बिजली कटौती के घंटे सात गुना थे। यदि राज्य सरकार वाराणसी में वास्तव में बिजली 24 घंटे दे रही है, तो दुनिया से बिजली आपूर्ति की जानकारी छुपाने की कोशिश क्यों कर रही है।

पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने पॉवर फॉर ऑल डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर नहीं किया है। राज्य में सभी उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध कराने की रूपरेखा के पॉवर फॉर आल डॉक्यूमेंट पर केवल उत्तर प्रदेश को छोड़कर सभी राज्यों ने हस्ताक्षर कर दिया है।

उन्होंने कहा कि 13 महीनों में 5 पत्र के देने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर नहीं किया है। उत्तर प्रदेश में 3 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से 1.6 करोड़ परिवारों में बिजली का कनेक्शन नहीं है, लेकिन वर्तमान सरकार की बिजली संकट का हल निकालने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

 

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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