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अन्तर्राष्ट्रीय

शक्तिशाली तूफान से पूर्वोत्तर अमेरिका बुरी तरह प्रभावित

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वाशिंगटन । शक्तिशाली शीतकालीन तूफान से पूर्वोत्तर अमेरिका में भारी बर्फबारी हो रही है और तेज हवाएं चल रही हैं। इसके चलते यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है और स्कूल व कारोबार बंद हैं। 

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मौसम विभाग के अधिकारियों ने कहा कि सर्दियों के दौरान बर्फबारी से मुक्त रहने वाले कई क्षेत्रों में शक्तिशाली तूफान के कारण बर्फबारी की संभावना है।

समाचार चैनल फॉक्स न्यूज ने खराब मौसम के कारण 3,000 उड़ानें रद्द होने की जानकारी दी है।

खराब मौसम का असर मेन से लेकर उत्तरी वर्जीनिया तक फैला हुआ है। फिलेडेल्फिया, न्यूयॉर्क और बोस्टन भी खराब मौसम के कहर से अछूते नहीं हैं।

राष्ट्रीय मौसम सेवा ने कहा कि वाशिंगटन, उत्तरी इडाहो, पश्चिमी व उत्तरी मोंटाना और पश्चिमी वायोमिंग में इस समय सर्दियों के तूफान की चेतावनी लागू है।

बोस्टन में दिन के अंत तक 18 इंच या इससे ज्यादा बर्फबारी होने की संभावना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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