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गठबंधन के बाद आज पहली बार रोड शो करेंगे राहुल-अखिलेश

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गठबंधन के बाद आज पहली बार रोड शो करेंगे राहुल-अखिलेश

लखनऊ | उत्तर प्रदेश में रविवार को अखिलेश यादव और राहुल गांधी संयुक्त रूप से रोड शो करने जा रहे हैं। इस रोड शो को ‘विकास से विजय की ओर’ नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए दोनों पार्टियों ने अपनी ताकत झोंक दी है। सपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि रोड शो से पहले दोनों नेता संयुक्त रूप से मीडिया से भी मुखातिब होंगे, जिसमें दोनों विधानसभा चुनाव 2017 के लिए तैयार किए गए साझा एजेंडे की जानकारी देंगे।

सीटों की संख्या का बंटवारा हो चुका है, लेकिन सीटों के नामों का स्पष्ट खुलासा नहीं होने से ऊहापोह की स्थिति अब भी बनी हुई है। इन सबके बीच रविवार दोपहर दो बजे राहुल और अखिलेश ‘उप्र को यह साथ पसंद है’ स्लोगन के साथ जनता के बीच होंगे।

सपा की ओर से जारी कार्यक्रम के मुताबिक, हजरतगंज के जीपीओ पार्क स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद यह रथ हजरतगंज से मेफेयर चौराहे से घूमकर लालबाग में नावेल्टी चौराहे तक पहुंचेगा।

वहां से कैसरबाग, (नजीराबाद होते हुए) अमीनाबाद के रास्ते पुराने लखनऊ पहुंचेगा। फिर नक्खास से चौक चौराहे होते हुए रथ पर सवार दोनों नेता घंटाघर पहुंचेंगे जहां रोड शो का समापन होगा।

सपा के एमएलसी एसआरएस यादव के नेतृत्व में युवाजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष विकास यादव, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के एबाद, नगर अध्यक्ष फाकिर सिद्दीकी ने रोड शो मार्ग पर घूम कर इंतजाम दुरुस्त कराया।

वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के रूप में के.एल. शर्मा, प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर ने रोड शो मार्ग का अवलोकन किया और कांग्रेसियों को रोड शो के दौरान मौजूद रहने की हिदायत दी है।

रोड शो में कांग्रेस-सपा का नया प्रचार गीत ‘उप्र को यह साथ पसंद है’ भी बजेगा। गाने से जुड़े पोस्टर जारी होंगे। दो मिनट के गाने में राहुल और अखिलेश को युवा नेता बताने के साथ उनके काम गिनाए जाएंगे।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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