मुख्य समाचार
भाजपा की तीसरी सूची में स्वामी प्रसाद मौर्य को टिकट, 67 उम्मीदवारों का ऐलान
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए 67 उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी की। अपनी पहली दो सूचियों की तरह भाजपा ने इसमें भी दलबदलुओं पर भरोसा किया है और उन्हें टिकट दिया है। एक समय बसपा प्रमुख मायावती के बेहद करीबी रहे स्वामी प्रसाद मौर्य को पडरौना से और आर. के. चौधरी को लखनऊ की आरक्षित सीट मोहनलालगंज से उम्मीदवार बनाया गया है।
राम नरेश रावत को बछरावां से, सूर्यभान सिंह को सुल्तानपुर, चंद्रपाल कुशवाह को बबेरु, आर.के.पटेल को मानिकपुर, नीलम कावेरिया को मेजा और शरद अवस्थी को रामनगर से टिकट दिया गया है।
बजरंग बहादुर को पार्टी का फरेंदा से उम्मीदवार बनाया गया है। समीर त्रिपाठी को नौतनवां, फतेह बहादुर को कैम्पियरगंज, विमलेश पासवान को बासगांव, राजेश त्रिपाठी को चिल्लूपार, पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष सूर्य प्रताप शाही को पारंपरिक सीट पथरदेवा से, जयनाथ कुशवाहा को भाटपार रानी, अखिलेश मिश्रा को आजमगढ़ और विनोद राय को निजामगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया है।
दुर्गा सिंह चौहान को मधुबन, फागु सिंह चौहान को घोसी, गिरीश यादव को जौनपुर, अनिता रावत को मछलीशहर, अनिल मौर्य को घोरावल और भूपेश चौबे को राबर्ट्सगंज से टिकट दिया गया है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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