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अंसारी बंधु लड़ेंगे अखिलेश यादव की साइकिल पर चुनाव

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sigtullah ansariलखनऊ। समाजवादी पार्टी की सत्ता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के हाथ आने के बाद जहां एक तरफ बाहुबली और मुलायम गुट की ओर से कानपुर कैंट के उम्मीदवार बनाए गए अतीक अहमद ने चुनाव लड़ने से खुद ही इंकार कर दिया है वहीं दूसरी ओर मिल रही खबरों के अनुसार बाहुबली अंसारी बंधुओं को सपा की ओर से चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी मिल चुकी है।

यह सब अंसारी बंधुओं की ओर से एक विधायक द्वारा अखिलेश से की गई मुलाकात के बाद संभव हो सका है।

बताते हैं कि गुरुवार को अंसारी बंधुओं की तरफ से मुहम्मदाबाद विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी ने सपा प्रमुख व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से उनके आवास पांच कालिदास पर मुलाकात की। सूत्र बताते हैं कि इस दस मिनट की मुलाकात में अखिलेश ने आश्वस्त किया कि वह जबान के पक्के हैं और जो वादा किया है उसे जरूर पूरा करेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पक्ष में शपथ देकर आप लोगों ने दल के प्रति वफादारी निभाई है। उन्होंने विधायक से कहा कि आप क्षेत्र में जाइए और जनसंपर्क शुरू करिए। आप लोगों को पूरे पूर्वाचल में प्रचार करना है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अखिलेश ने कहा है कि अभी पश्चिम उत्तर प्रदेश की प्रत्याशियों की घोषणा होगी उसके बाद पूर्वांचल के प्रत्याशियों की घोषणा होगी।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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