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मुख्य समाचार

‘साइकिल’ पाकर मुलायम से मिलकर अखिलेश ने लिया आशीर्वाद, समर्थकों में खुशी

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akhileshcycleलखनऊ| उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में चुनाव चिह्न् को लेकर छिड़े संग्राम का आखिरकार सोमवार को निर्वाचन आयोग ने निराकरण कर दिया। आयोग ने अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष की मान्यता दे दी और ‘साइकिल’ भी। इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश ने सबसे पहले अपने पिता मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद लिया। निर्वाचन आयोग का फैसला चुनाव की पहले चरण की अधिसूचना से ठीक एक दिन पहले आया। टीवी के समाचार चैनलों पर आयोग के फैसले की खबर आते ही सोमवार की शाम लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर जश्न मनाया गया। अखिलेश समर्थकों ने मिठाइयां बांटीं और एक-दूसरे के गले मिले। पार्टी कार्यालय पर जमकर आतिशबाजी की गई।

सपा में घर से शुरू हुआ विवाद सड़क तक आया और बात नहीं बनी तो मामला निर्वाचन आयोग तक पहुंचा। अब अखिलेश यादव गुट ही सपा है और अखिलेश पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष। फैसला आने के साथ ही मुलायम से टिकट पाए प्रत्याशियों के चेहरे का रंग उड़ गया। वहीं, दूसरी तरफ अखिलेश गुट के प्रत्याशी आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।

मुख्यमंत्री अखिलेश को ‘साइकिल’ निशान मिलने पर फैजाबाद में भी सपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर पटाखे दागकर खुशी जताई। इस दौरान सपाइयों ने एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले पवन पांडे ने साइकिल निशान मिलने पर अखिलेश यादव को बधाई देते हुए भरोसा दिलाया कि 2017 के चुनाव में अखिलेश यादव फिर मुख्यमंत्री बनेंगे।

पवन पांडे ने कहा कि प्रदेश की जनता कार्यकर्ता और सपा नेता अखिलेश यादव के साथ हैं और प्रदेश की जनता अखिलेश को दुआएं दे रही है और इस बार भी जनता जनाधार देगी, मुख्यमंत्री अखिलेश ही बनेंगे। अब मुलायम, शिवपाल यादव और अमर सिंह की क्या रणनीति होगी, लोगों में यह उत्सुकता बनी हुई है। कहा जा रहा है कि अमर सिंह को आयोग के फैसले का आभास पहले ही हो गया था, इसलिए वह सोमवार की सुबह ही लंदन रवाना हो गए।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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