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गुरुग्राम में पूर्व सैनिक की गोली मारकर हत्या

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murder (2)गुरुग्राम। राष्ट्रीय राजधानी से सटे गुरुग्राम में शनिवार को दो अज्ञात हमलावरों ने एक पूर्व सैनिक की गोली मारकर हत्या कर दी। बादशाहपुर कस्बा स्थित अपने घर के बाहर टहलते वक्त पूर्व सैनिक सुभाष यादव (50) की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “यादव को पांच गोलियां मारी गईं और हत्या के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है।” पीडि़त को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

एक अन्य घटना पटेल नगर इलाके में घटी, जहां सेवानिवृत्त सेना अधिकारी जगदीश ने अपने बेटे मोरध्वज (32) को गोली मार दी। उसे चार गोलियां मारी गईं।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “आरोपी अपने बेटे की कथित तौर पर शराब पीने की लत से परेशान था। घटना के वास्तविक कारणों की जांच जारी है।” गंभीर रूप से घायल मोरध्वज को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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