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पांच राज्यो में बजा चुनावी बिगुल, यूपी में सात चरणों में वोटिंग

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पांच राज्यो में बजा चुनावी बिगुल, यूपी में सात चरणों में वोटिंग

नई दिल्ली | निर्वाचन आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया, जिसके मुताबिक मतदान की प्रक्रिया चार फरवरी को शुरू होकर आठ मार्च को समाप्त होगी। गोवा, पंजाब और उत्तराखंड में एक-एक चरण में, मणिपुर में दो चरण तथा उत्तर प्रदेश में सात चरणों में मतदान संपन्न होंगे। राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मतगणना 11 मार्च को होगी।

गोवा और पंजाब में चार फरवरी को वोट डाले जाएंगे, जबकि उत्तराखंड में 15 फरवरी को मतदान होगा। गोवा में विधानसभा की 40, पंजाब में 117 और उत्तराखंड में 70 सीटें हैं।

मणिपुर में दो चरणों में मतदान होंगे, जिनमें से पहले चरण का मतदान चार मार्च को और दूसरे चरण का आठ मार्च को होगा। राज्य में विधानसभा की 60 सीटें हैं।

उत्तर प्रदेश में विधानसभा की 403 सीटों के लिए सात चरणों में मतदान होंगे। पहले चरण का मतदान 11 फरवरी, दूसरे चरण का 15 फरवरी, तीसरे चरण का 19 फरवरी, चौथे चरण का 23 फरवरी, पांचवें चरण का 27 फरवरी, छठे चरण का चार मार्च को और सातवें व अंतिम चरण का मतदान आठ मार्च को होगा।

जैदी ने कहा, “हम स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ‘कालेधन व शराब के दुरुपयोग’ पर भी नजर रखेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि उम्मीदवारों को सुविधाएं और सरकारी आवास उपलब्ध कराने वाली एजेंसियों से जारी ‘नो डिमांड सर्टिफिकेटस’ भी प्रस्तुत करना होगा।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने जाति, धर्म, समुदाय और भाषा के आधार पर वोट मांगने को अवैध करार दिए जाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में कहा, “आयोग शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करने को प्रतिबद्ध है।”

निर्वाचन आयोग ने पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर कुछ नए कदम उठाए हैं। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार पोस्टर लगाए जाएंगे, जिसमें मतदाताओं को मतदान संबंधी जानकारियां दी जाएंगी। मतदान सहायता केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे।

जैदी ने पिछले चुनावों के दौरान की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए कहा कि इस बार मतदान केबिन की ऊंचाई 30 इंच तक बढ़ाई जाएगी।

यह कदम मतदाता के शरीर के ऊपरी हिस्से को गुप्त रखने के लिए उठाया गया है।

उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव में मतदाताओं को फोटो पहचान-पत्र के साथ रंगीन मतदाता गाइड दी जाएगी।

निर्वाचन आयोग ने प्रति उम्मीदवार खर्च सीमा भी तय की। इन पांचों राज्यों में प्रति उम्मीदवार खर्च की सीमा 20 लाख रुपये से 28 लाख रुपये के बीच तय की गई है।

गोवा और मणिपुर में चुनाव पर प्रति उम्मीदवार 20 लाख रुपये खर्च किए जा सकते हैं जबकि पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में यह राशि 28 लाख रुपये होगी।

जैदी ने यह भी बताया कि अपने घरों से दूर तैनात जवान आगामी विधानसभा चुनावों में एकतरफा इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिशन के जरिये मतदान कर सकेंगे।

जैदी ने बताया कि ईवीएम में इस बार चुनाव चिह्न् के साथ प्रत्याशी की तस्वीर लगाने की भी व्यवस्था की गई है। पोस्टल बैलेट की जगह इस बार ई-वोटिंग की व्यवस्था की गई है।

उन्होंने बताया कि इन पांच राज्यों में 16 करोड़ योग्य मतदाता हैं। पांच राज्यों में कुल 690 विधानसभा सीटें हैं। कुल 23 सीटें आरक्षित हैं। इन इलाकों में 1.85 लाख मतदान केंद्र होंगे। ईवीएम का प्रयोग सभी राज्यों में होगा। जिन इलाकों में महिलाओं पुरुषों के साथ असहज हैं, वहां पर उनके लिए अलग पोलिंग बूथ की व्यवस्था की जाएगी। मतदान केंद्र पर दिव्यांगों के लिए खास व्यवस्था की जाएगी।

नेशनल

जमशेदपुर में बोले पीएम मोदी- पूरा हिंदुस्तान कह रहा है, फिर एक बार, मोदी सरकार

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जमशेदपुर। पीएम मोदी ने जमशेदपुर में एक विशाल रैली को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साझा। पीएम मोदी ने कहा कि जमशेदपुर में 4 जून को क्या परिणाम आने वाला है, यह आपका उत्साह बता रहा है। उन्होंने कहा कि मैं बहुत सालों तक भाजपा के संगठन का काम करता था। कोई मुझे कहे कि चुनावी रैली है, सुबह 10-11 बजे रख लो, मैं हाथ जोड़कर कहता था कि इतनी सुबह कौन आएगा, रहने दो। मैं कहता था कि 1-2 बजे रख दो। मैं जानता हूं इतनी सुबह इतनी बड़ी रैली करना लोहे के चबाने जैसा हाल होता है। लेकिन आज सुबह-सुबह जमशेदपुर में मैं जनजागृति का नया पर्व देख रहा हूं।

पीएम मोदी ने आगे कहा, चुनाव में देश की अर्थव्यवस्था की चर्चा होनी चाहिए या नहीं। चुनाव में उद्योगों, लघु उद्योगों की बात होनी चाहि या नहीं होनी चाहिए। चुनाव में राष्ट्रीय सुरक्षा की बात होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। चुनाव में युवाओं में बनते नए अवसरों की बात होनी चाहिए या नहीं होनी चाहिए। लेकिन कांग्रेस वालों को इन सब से कोई मतलब नहीं है। इन्हें विकास का क, ख, ग, घ भी नहीं मालूम है। इनका तरीका है झूठ बोले, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, इधर भी बोलो, उधर भी बोलो, खड़े-खड़े बोलो, नाच-नाच के बोलों। इनके मुद्दे हैं गरीब की संपत्ति का एक्स रे करेंगे। एस, एसटी का आरक्षण छीनेंगे। क्या इससे ज्यादा आगे ये सोच नहीं सकते हैं क्या। इंडी गठबंधन वाले, आपसे झूठ बोलते हैं।

उन्होंने कहा, “इनकी सच्चाई पूरा देश जान गया है। इसलिए पूरा हिंदुस्तान कह रहा है, फिर एक बार, मोदी सरकार। कांग्रेस और झामुमो और राजद जैसी पार्टियों ने हमारे झारखंड को हर मौके पर लूटा है। कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है। कांग्रेस ने अनगिनत घोटालों में लूट के रिकॉर्ड बनाए। राजद को देखिए नौकरी के बदले, गरीब से जो बेचारा दो टाइम की रोटी के लिए नौकरी तलाशता था, ऐसे गरीब की जमीन लिखवा ली। जमीन भी छीन ली गरीब की। बदले में नौकरी का वादा किया। झामुमों ने वही आदतें, वही चरित्र कांग्रेस और राजद से सीखा है।” पीएम मोदी ने कहा कि इनके घरों से जो नोटों के पहाड़ बरामद हुए हैं वो पैसे हैं किसके? ये पैसा आपका है, आप हैं इन पैसों के मालिक। भोले-भाले मेरा आदिवासी, दलितों भाई-बहनों का यह पैसा है जो इन्होंने लूटा है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि ये लोग अपनी काली कमाई में से एक भी रूपया देते क्या। ये लूट करते हैं तो कहते हैं कि अरे भाई अरबों खरबों लूट लेंगे और वकील को क्या है जो चाहिए दे देंगे और फिर अदालत से निकल जाएंगे। फिर तो मौज ही मौज है। यानी वकील के लिए भी चोरी का पैसा। मोदी इन बेइमानों की ठिकानों से पैसा बरामद करवा रहा है। उन्होंने कहा कि नोटों का पहाड़ जो मैं पकड़ रहा हूं, मैं गारंटी देता हूं इसे सरकार की तिजोरी में ले जाने के लिए नहीं कर रहा हूं। मैं खोजूंगा कि ये पैसे किसके थे, क्यों देना पड़ा और कैसे दिया था। जब ये पक्का हो जाएगा कि ये पैसे किसके हैं तो उन सब गरीबों को ये पैसे उनको लौटा दूंगा।

पीएम मोदी ने संबोधन में आगे कहा कि कानूनी सलाह ले रहा हूं इसके लिए, रास्ते खोज रहा हूं। कांग्रेस के नेता खुलेआम कहते हैं कि जो कारोबारी हमें पैसा नहीं देते, हम उनपर खुलकर हमला करते हैं। मतलब कांग्रेस और झामुमों जैसे दलों को देश से मतलब नहीं, बल्कि उन्हें अपने भ्रष्टाचार और वसूली से मतलब है। मैं आज एक गंभीर विषय पर बात करना चाहता हूं। क्योंकि मैं आज उद्योग की धरती पर खड़ा हूं। कांग्रेस और उनके साथी, जहां-जहां उनकी सरकारें हैं, उन मुख्यमंत्रियों को चुनौती देता हूं। ये मेरे राजनीतिक बयान नहीं है। मैं गंभीरता से इस विषय को छेड़ना चाहता हूं। मीडिया वाले जो अपने आप को न्यूट्रल मानते हैं। वो इनके मुख्यमंत्रियों से सवाल पूछें कि कांग्रेस के शहजादे उद्योग, उद्योगपतियों, निवेश का विरोध करते हैं। आने वाले दिनों में कौन उद्योगपति उनके राज्य में जाकर के पूंजी निवेश करेगा। उन राज्यों के नवजवानों का क्या होगा। महाराष्ट्र में जो लोग चुनाव लड़ने के लिए हमारे सामने हैं। शहजादे की भाषा को ये मानते हैं क्या। सारे निवेशक जो मिलने आते हैं वो कहते हैं कि उन राज्यों में हम नहीं जाएंगे, क्योंकि वहां हमारे विरोध की विचारधारा है। उद्योगपतियों को गालियां दी जाती हैं।

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