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प्रादेशिक

हरदोई : मंत्री ओमकार सिंह की सरकारी गाड़ी ने पटरी दुकानदार को रौंदा

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Hardoi minister vehicle accidentहरदोई। उत्तर प्रदेश के जनपद हरदोई में राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव की लालबत्ती लगी सरकारी इनोवा कार ने एक चाट वाले को रौंद दिया। सरकारी गाड़ी से हुए हादसे को देख लोग उत्तेजित हो गए और गाड़ी में तोडफ़ोड़ कर आग भी लगाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने हालात को संभाल लिया।

यह घटना सोमवार रात की है। पुलिस ने चालक को हिरासत में ले लिया है। वहीं, राज्यमंत्री का कहना है, जिस गाड़ी से दुर्घटना हुई, वह मेरी पर्सनल गाड़ी नहीं है।

शहर की राम नगर कॉलोनी निवासी मदन (30) पुत्र छोटेलाल चांद बेहटा में चाट का ठेला लगाता है। रोजाना की तरह सोमवार को भी वह रात में चाट बेचकर घर लौट रहा था। रास्ते में लखनऊ रोड पर रानी कटियारी हॉस्पिटल के पास तेज रफ़्तार इनोवा ने उसे सामने से टक्कर मारते हुए रौंद दिया, जिससे मदन की मौके पर ही मौत हो गई।

सरकारी गाड़ी से युवक की मौत की खबर पाते ही लोग उत्तेजित हो गए और गाड़ी में तोडफ़ोड़ करने लगे। इसी बीच सूचना मिलने पर पुलिस बल पहुंचा और उत्तेजित भीड़ को किसी तरह शांत कराया। पुलिस ने गाड़ी के चालक मोहित सिंह को हिरासत में ले लिया है।

चालक ने बताया कि यूपी 32 जीबी गाड़ी प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री ओमकार सिंह यादव की है। वह बदायूं के सहसवान क्षेत्र के विधायक हैं। गाड़ी उन्हें बदायूं छोडक़र वापस लखनऊ जा रही थी।

वहीं ग्राम्य विकास राज्यमंत्री ओमकार का कहना है, “जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ है वह मेरी गाड़ी नहीं, बल्कि राज संपत्ति की गाड़ी है। ये गाड़ी मुझे सहसवान छोडक़र लौट रही थी। रास्ते में एक्सीडेंट कैसे हुआ, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है।”

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प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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