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राष्ट्रपति ने म्यामांर के स्वतंत्रता दिवस पर बधाई दी

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ने म्यामांर के स्वतंत्रता दिवस पर बधाई दीनई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को म्यांमार के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर म्यांमार सरकार और लोगों को बधाई दी। म्यांमार के लोगों और राष्ट्रपति यू हतिन क्याव को अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति मुखर्जी ने कहा, “भारत और म्यांमार में लंबे समय से नजदीकी और मित्रवत संबंध रहे हैं।”

उन्होंने संदेश में कहा, “मैं अगस्त 2016 में आपकी भारत यात्रा को गर्मजोशी के साथ याद दिलाना चाहता हूं, जब हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों और संयुक्त रूप से अपना साझा हित वाले परस्पर संबंधों को मजबूत करने की समीक्षा की थी।”

राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि उनके प्रयासों को सफलता मिलेगी और दोनों देश अपने विकास लक्ष्यों को संभव बनाने में योगदान देंगे।

म्यांमार को ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से 4 जनवरी 1948 को स्वतंत्रता मिली थी और वह एक स्वतंत्र गणराज्य बना था।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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