अन्तर्राष्ट्रीय
क्रिसमस हमले की साजिश के आरोप में ऑस्ट्रेलिया में 7 गिरफ्तार
सिडनी । ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस के दिन हमला करने की योजना बनाने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है और देश हाई अलर्ट पर है।
सुरक्षा अधिकारियों ने विक्टोरिया राज्य में कई जगह छापे मारे और क्रिसमस के दिन मेलबर्न शहर में विस्फोटकों और हथियारों से हमला करने की साजिश रचने के आरोप में 21 से 26 साल की आयु के बीच पांच कट्टरपंथी युवकों को गिरफ्तार किया है।
दो अन्य लोग एक 20 वर्षीय युवती और 26 साल के युवक को भी गिरफ्तार किया गया लेकिन बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
ऑस्ट्रेलियन फेडरल पुलिस कमिश्नर एंड्रयू कोल्विन ने शुक्रवार को सिडनी में संवाददाताओं को बताया, “ऑस्ट्रेलिया में पिछले कुछ सालों में घटी घटना के मद्देनजर इसने मुझे निश्चित तौर पर किसी अन्य घटना की अपेक्षा ज्यादा चिंतित किया है।”
इंडोनेशिया के पश्चिम जकार्ता में पुलिस छापे में मारे गए तीन संदिग्धों और हाल ही में बर्लिन में ट्रक द्वारा हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी अलर्ट पर हैं।
ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल के मुताबिक, “इस्लामी आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है जो हम सबको प्रभावित कर रहा है, लेकिन हमें आतंकवादियों से बिलकुल नहीं भयभीत होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री ने बताया कि देश की पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां इसे लेकर सावधानी बरत रही हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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