प्रादेशिक
मंडल कमीशन की सिफारिशें पूरे देश में लागू हों : हार्दिक पटेल
लखनऊ। गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी पहुंचे। उन्होंने पूरे देश में मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू करने की मांग उठाई। पटेल नवनिर्माण सेना (पनसे) के नेता ने कहा, हमें प्रदेश और केंद्र में बैठे उन नेताओं से आजादी चाहिए, जो वर्षों से हमारा खून चूस रहे हैं। हमारी मांग है कि अब ओबीसी को वेटेज मिलनी चाहिए। पूरे देश में मंडल कमीशन की सिफारिशें लागू होनी चाहिए। देश में जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उतनी भागीदारी मिलनी चाहिए।
यहां के रामाधीन इंटर कॉलेज में आयोजित किसान प्रतिनिधि पंचायत में हार्दिक पटेल ने कहा, मुझे नहीं पता कि बिड़ला व सहारा ने मोदी को रिश्वत दी। अगर इस बारे में पता रहता तो राहुल गांधी की जगह पर मैं ही हर जगह सभा करता और अपनी बातों से लोगों को यकीन करा देता।
हार्दिक ने कहा, मैं यहां नेता नहीं, यहां बेटा बनकर आया हूं। उन्होंने पटेल समुदाय से एकजुट होने का आह्वान करते हुए कहा कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक नहीं, सामाजिक मंच साझा कर सकते हैं। हार्दिक ने कहा, मुझे पता है कि देश का किसान कितना परेशान है। सबसे ज्यादा आत्महत्या भी किसान ही कर रहा है, लेकिन इससे किसी नेता को कोई फर्क नहीं पड़ता। देश में किसान कौम कमजोर हो रही है। मैं चाहता हूं कि यूपी में ओबीसी कैटगरी के लोग एकजुट हों, ताकि हमारी ताकत को कोई तोड़ न सके। देश ने कमल का जूस पी रखा है, जिसका स्वाद जाता ही नहीं।
पटेल नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि उनके कारण ही गुजरात में कर्ज बढ़ा है। केंद्र सरकार ने नोटबंदी की आड़ में जिस तरह भ्रष्टाचारियों को बचाया है, उससे जनता को तकलीफ के सिवाय कुछ नहीं मिला। उन्होंने कहा, मैं बीजेपी का विरोधी नहीं हूं, लेकिन गुजरात में अत्याचार होते देखा है।
मोदी पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा, पहले लोग कहते थे कि मनमोहन चुप बैठे हैं, लेकिन मोदी तो चुप ही नहीं बैठते। बहुत बोलते हैं, जरूरत से ज्यादा। हार्दिक ने योगगुरु रामदेव की भी चुटकी ली। उन्होंने कहा, पता ही नहीं चलता कि वह योगगुरु हैं या बिजनेसमैन रामदेव। ताज्जुब की बात है, वह भी कालाधन के खिलाफ बोलते हैं।
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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक
अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।
इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।
हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।
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