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मुस्लिमों पर हुए आतंकी हमलों की जांच क्यों नहीं की जा रही : ओवैसी

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असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम, एनआईए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, आतंकवादी संगठन, बम विस्फोट कांड

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असदुद्दीन ओवैसी, एआईएमआईएम, एनआईए, राष्ट्रीय जांच एजेंसी, आतंकवादी संगठन, बम विस्फोट कांडहैदराबाद | एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को केंद्र सरकार पर अतंकवादी हमलों में संलिप्त गैर-मुस्लिमों के खिलाफ जांच एजेंसियों को जांच शुरू करने की इजाजत न देने का आरोप लगाया। लोकसभा सदस्य ओवैसी ने ट्वीट किया, “2013 में हुए दिलसुखनगर बम कांड के सभी आरोपियों को सजा दे दी गई। लेकिन क्या राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) मक्का मस्जिद, अजमेर दरगाह और मालेगांव बम विस्फोट कांड में भी अरोपियों को सजा देगी।”

औवैसी ने आगे कहा, “आखिरी हमारी शीर्ष जांच एजेंसियां 1992 से लंबित बाबरी मस्जिद मामले में आतंकवाद के आरोपियों को सजा देने में मुस्तैदी नहीं दिखातीं।” उन्होंने कहा, “दिलसुखनगर बम कांड के आरोपियों को तीन साल में सजा दे दी गई, लेकिन मक्का मस्जिद हमले, अजमेर कांड और मालेगांव बम विस्फोट कांड मामले में आरोपियों को सजा सुनाने में आखिर इतनी देर क्यों की जा रही है।”

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही सोमवार को एनआईए की अदालत ने इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकवादी संगठन के सह-संस्थापक यासीन भटकल और एक पाकिस्तानी आतंकवादी सहित हैदराबाद में 2013 में हुए बम धमाके में शामिल सभी पांच आतंकवादियों को मौत की सजा सुनाई। हैदराबाद के दिलसुखनगर इलाके में 21 फरवरी, 2013 को दो बम विस्फोट हुए थे, जिसमें 18 व्यक्तियों की मौत हो गई थी और 131 व्यक्ति घायल हुए थे।

 

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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