नेशनल
संप्रग के कार्यकाल में घोटाले चरम पर रहे : जेटली
नई दिल्ली | केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को नोटबंदी को ‘सबसे बड़ा घोटाला’ करार देने के लिए कांग्रेस की कड़ी आलोचना की। उन्होंने यह कहते हुए पार्टी का माखौल उड़ाया कि भ्रष्टाचार संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में बढ़ा और 2014 तक लगातार करीब एक दशक के शासनकाल में भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम नहीं उठाया।
जेटली ने कहा, “कांग्रेस के दो शासनकाल की दो अनोखी विशेषताएं रहीं। इसमें कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया और यूपीए कार्यकाल के दौरान घोटाले चरम पर रहे।”
जेटली ने यहां संवादताओं से कहा, “यह आश्चर्यजनक नहीं लग रहा कि राजग सरकार के कालेधन के खिलाफ अभियान से कांग्रेस असहज है।” जेटली ने विपक्षी दलों से कालेधन के खिलाफ अभियान में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने दलों को संसद में इस मुद्दे पर चर्चा का भरोसा भी दिया।
जेटली ने कहा, “मेरा विपक्ष के दोस्तों से आग्रह है कि हम इस मामले पर संसद में चर्चा के लिए तैयार हैं, कृपया नारे लगाना छोड़कर इस अभियान में शामिल हों।”
इससे पहले पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा था कि नोटबंदी साल का सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कुछ लोगों द्वारा 2,000 रुपये के नए नोटों के बंडलों की व्यवस्था कर लेने के मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि आम लोगों को 2000 रुपये का एक भी नया नोट मिलने में भारी दिक्कतें पेश आ रही हैं।
नेशनल
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की मां का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की माता व ग्वालियर राज घराने की राजमाता माधवी राजे सिंधिया का निधन हो गया है। उनका इलाज पिछले दो महीनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था। आज सुबह 9.28 बजे उन्होंने दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली।
हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया था कि, राजमाता माधवी राजे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें 15 फरवरी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। इसी साल 6 मार्च को भी उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उस समय भी उनकी हालत नाजुक थी और उनको लाइफ सपोर्टिंग सिस्टम पर रखा गया था।
पहली बार 15 फरवरी को माधवी राजे की तबीयत बिगड़ी थी, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। उसके बाद से ही उनकी हालत नाजुक बनी हुई थे। वे लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कुछ समय पहले यह जानकारी शेयर की थी।
नेपाल राजघराने से माधवीराजे सिंधिया का संबंध है। उनके दादा शमशेर जंग बहादुर राणा नेपाल के प्रधानमंत्री थे। कांग्रेस के दिग्गज नेता माधवराव सिंधिया के साथ माधवी राजे के विवाह से पहले प्रिंसेस किरण राज्यलक्ष्मी देवी उनका नाम था। साल 1966 में माधवराव सिंधिया के साथ उनका विवाह हुआ था। मराठी परंपरा के मुताबिक शादी के बाद उनका नाम बदलकर माधवीराजे सिंधिया रखा गया था। पहले वे महारानी थीं, लेकिन 30 सितंबर 2001 को उनके पति और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधवराव सिंधिया के निधन के बाद से उन्हें राजमाता के नाम से संबोधित किया जाने लगा।
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