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द्रविड़ संस्कृति के अनुरूप हुआ जयललिता का अंतिम संस्कार

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Jayalalita funeralचेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता का आयंगर समुदाय की धार्मिक संस्कार के अनुसार शवदाह करने की जगह दफनाने को लेकर सवाल उठे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह द्रविड़ संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। यह प्रमुख द्रविड़ नेताओं की परंपरा रही है, इसमें जयललिता की अपनी पार्टी अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) के नेता भी शामिल हैं।

मद्रास विश्वविद्यालय में राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर रामू मणिवन्नान ने कहा, दफनाना द्रविड़ संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने बड़े बर्तनों में बहुत दिनों तक शव को संरक्षित करके रखने की प्राचीन प्रचलन का भी उल्लेख किया।

द्रविड़ मुनेत्र कडग़म के संस्थापक और मुख्यमंत्री सी.एन. अन्नादुरई और जयललिता के राजनीतिक प्रतिपालक व एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन के पार्थिव शरीर को भी मरीना बीच पर ही दफनाया गया था। उनका स्मारक वहां मौजूद है। बगल में उसी तरह का स्मारक जयललिता का भी बनना है।

जयललिता के रिश्तेदारों और उनकी विश्वासपात्र रही शशिकला ने उन्हें दफनाए जाने पर कोई आपत्ति नहीं की। जयललिता के भतीजे दीपक जयकुमार ने उनका अंतिम संस्कार किया।

अन्नाद्रमुक के सदस्य जयललिता को आयंगर के रूप में नहीं, अपनी अम्मा के रूप में देखते थे और किसी भी जाति या धर्म से ऊपर मानते थे।

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प्रादेशिक

इस्कॉन के चेयरमैन गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का निधन, देहरादून के अस्‍पताल में थे भर्ती

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देहरादून। इस्‍कॉन इंडिया की गवर्निंग काउंसिल के अध्‍यक्ष गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज का रविवार को निधन हो गया। हृदय संबंधी बीमारी के चलते उन्‍हें तीन दिन पहले देहरादून के सिनर्जी अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्‍होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से भक्तों में शोक की लहर है।

इस्कॉन मंदिर के डायरेक्टर कम्युनिकेशन इंडिया बृजनंदन दास ने बताया कि 5 मई को शाम 4 बजे नई दिल्ली के ईस्ट ऑफ कैलाश स्थित मंदिर में दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। गोपाल कृष्ण गोस्वामी महाराज दो मई को दूधली स्थित मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे थे। यहां वह अचानक फिसलकर गिर गए थे। इससे उन्हें चोट लगी थी। उनका तीन दिनों से सिनर्जी अस्पताल में इलाज चल रहा था। भक्त उनके आखिरी दर्शन दिल्ली के इस्कॉन मंदिर में कर सकेंगे। सोमवार को उनकी देह को वृंदावन ले जाया जाएगा। इसका समय अभी तय नहीं हुआ है।

 

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