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बिहार में घने कोहरे के कारण सड़क हादसा, 5 की मौत

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बिहार में घने कोहरे के कारण सड़क हादसा, 5 की मौत

पटना | बिहार के पटना और रोहतास जिले में शनिवार को घने कोहरे के कारण अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। रोहतास जिले के शिवसागर थाना क्षेत्र में एक अनियंत्रित ट्रक अैर मोटरसाइकिल की हुई सीधी टक्कर में दो युवकों की मौत हो गई, जबकि मोटरसाइकिल सवार एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया।

शिवसागर के थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि एक मोटरसाइकिल पर तीन लोग सवार होकर शिवसागर से नूरागंज लौट रहे थे, तभी मोरसराय गांव के समीप एक अनियंत्रित ट्रक ने मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। इस दुर्घटना में मोटरसाइकिल सवार आमिर और गुड्डू की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। एक अन्य युवक गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे इलाज के लिए एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

उधर, पटना के दानापुर में खगौल ओवरब्रिज के पास शनिवार को एक ट्रक ने मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को कुचल दिया, जिससे दोनों युवकों की मौत हो गई। मृतक मछुआटोली और सब्जीबाग के रहने वाले बताए जा रहे हैं।

इसके अलाव पटना जिले के पालीगंज थाना क्षेत्र में कुरकुरी पुल के पास अनियंत्रित ट्रक ने एक बुजुर्ग को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई। घटना के बाद चालक ट्रक लेकर फरार हो गया।

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गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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