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नेशनल

जशोदाबेन अपने पुरानी मांग को लेकर वापस

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देश के प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की धर्म पत्नी जशोदाबेन ने एक बार फिर अपनी सुरक्षा के सम्बन्ध में जानकारी की मांग की है  पिछली बार भी जशोदा बेन ने आरटीआई देकर अपनी सुरक्षा के बारे में जानकारी मांगी थी, लेकिन सरकार की तरफ से उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा। लेकिन एक बार फिर जशोदाबेन अपने पुरानी मांग को लेकर वापस सामने आईं  है।
नवंबर 2014 में जशोदाबेन ने मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद आरटीआई एक्ट के तहत मेहसाणा पुलिस से उन्हें दी गई सुरक्षा के बारे में जानकारी मांगी थी। जशोदाबेन के भाई अशोक मोदी ने बताया, ‘उन्होंने मेहसाणा पुलिस के एसपी के समक्ष अपील दायर की है क्योंकि पहली बार उनके किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया गया।’

जशोदाबेन ने आरटीआई के जरिये यह जानने की कोशिश की थी कि प्रधानमंत्री मोदी की पत्नी होने के नाते उन्हें क्या अधिकार हैं। इसके अलावा, उन्होंने उनकी सुरक्षा में लगे कर्मचारियों की ड्यूटी के बारे में पूछा था। उन्होंने यह भी पूछा था कि जब वह बस में यात्रा कर रही होती हैं, तब उनके सुरक्षा कर्मचारी किसके आदेश पर सरकारी वाहनों में यात्रा करते हैं।

सिक्यॉरिटी डीटेल्स के बारे में जशोदाबेन के सवालों को खारिज करते हुए पुलिस ने कहा कि उनका सवाल एलआईबी के दायरे में आता है और गुजरात सरकार ने इसे आरटीआई ऐक्ट से बाहर रखा हुआ है।

जशोदाबेन के संबंधी और पेशे से वकील संदीप मोदी ने बताया कि आरटीआई के रिप्लाई में उनके पति के नाम का जिक्र नहीं किया गया है। सरकार की तरफ से भेजी गई चिट्ठी में उनका पता ‘जशोदाबेन, बेटी- चिमनभाई मोदी’ बताया गया है। उन्होंने कहा कि जशोदाबेन को इस बात से काफी चोट पहुंची है कि उन्हें भेजी गई चिट्ठी में उनके पति का नाम नहीं दिया गया है, जबकि अपने शुरुआती ऐप्लिकेशन में उन्होंने अपना नाम ‘जशोदाबेन नरेंद्रभाई मोदी, बेटी-चिमनभाई मोदी’ लिखा था।

आरटीआई ऐक्ट के तहत पब्लिक इनफर्मेशन ऑफिसर को किसी भी आरटीआई का जवाब देते हुए अपीलेट अथॉरिटी का जिक्र करना अनिवार्य होता है, लेकिन इस मामले में उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। इस बात से लगता है की पीआईओ कुछ छुपाने की कोशिश कर रहा है।

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नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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