Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

आइसलैंड में बस दुर्घटनाग्रस्त, कई घायल

Published

on

Loading

आइसलैंडरिक्जेविक, आइसलैंड में मंगलवार को एक बस दुर्घटना में कुछ चीनी पर्यटक घायल हो गए। 40 लोगों वाली यह बस एक बफीर्ली सड़क पर फिसल गई। आइसलैंड की राजधानी रिक्जेविक स्थित चीनी दूतावास के एक अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि यह दुर्घटना दोपहर 11 बजे थिंगवाल्वातन झील के पास एक सड़क पर हुई। बस में सवार कुछ लोगों को चोटें आई हैं। घायलों में कुछ चीनी नागरिक भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि सभी घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है। इनमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

आइसलैंड के ऑनलाइन समाचार पत्र ‘विसिर’ के अनुसार, बस का चालक और टूर गाइड, दोनों ही आइसलैंड के रहने वाले हैं। बस में सवार 17 यात्रियों को अस्पताल पहुंचाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया कि दुर्घटना के बाद सिविल आपात योजना सक्रिय हो गई और घटनास्थल पर एंबुलेंस, पुलिस और अग्निशमन विभाग के कई कर्मियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

Continue Reading

Trending