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स्मृति ईरानी के हलफनामे पर निर्वाचन आयोग से प्रमाणपत्र मांगा

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smriti1 नई दिल्ली| राष्ट्रीय राजधानी की एक अदालत ने गुरुवार को शैक्षणिक योग्यता को लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा अदालत में दायर चुनावी हलफनामे के सत्यापन के लिए निर्वाचन आयोग (ईसीआई) से प्रमाणपत्र पेश करने के लिए कहा। महानगर दंडाधिकारी हरविंदर सिंह ने निर्वाचन आयोग से प्रमाणपत्र के साथ एक अधिकारी को अदालत भेजने के लिए कहा। अदालत ने यह पाया है कि अदालत में जो हलफनामा पेश किया गया है, वह आयोग की वेबसाइट पर जारी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड की एक कॉपी है। इसके बाद उन्होंने यह निर्देश दिया है।
अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 15 अक्टूबर मुकर्रर की है। निर्वाचन आयोग ने इससे पहले अदालत को एक दस्तावेज सौंपा था, जो उसकी आधिकारिक वेबसाइट से निकाले गए फाइल की एक कॉपी थी।
शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत से बाहर संवाददाताओं से कहा था कि उस वक्त आयोग ने अदालत से कहा था कि स्मृति ईरानी का साल 2004 का चुनावी हलफनामा खो गया है। अदालत अहमर खान नामक शिकायतकर्ता की निजी शिकायत पर सुनवाई कर रही है, जिन्होंने आरोप लगाया है कि स्मृति ईरानी ने साल 2004, 2011 तथा 2014 में लोकसभा तथा राज्यसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग में शैक्षणिक योग्यता को लेकर जो हलफनामा दाखिल किया था, उनमें अलग-अलग जानकारी दी थी।
बीते साल अप्रैल में दाखिल शिकायत में खान ने शैक्षणिक योग्यता से संबंधित झूठी जानकारियां देने के आरोप में ईरानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उनके वकील के.के.मनन तथा अंजलि राजपूत ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता ने साल 2004 में दिल्ली के चांदनी चौक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान दायर हलफनामे में बताया था कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरस्पोंडेंस से 1996 में स्नातक किया था।
लेकिन, साल 2014 में उत्तर प्रदेश के अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान अपने हलफनामे में स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग से साल 1994 में बी.कॉम (पार्ट वन) किया। खान ने कहा कि गुजरात से राज्यसभा चुनाव लड़ने के दौरान 11 जुलाई 2011 को दाखिल एक अन्य हलफनामे में स्मृति ईरानी ने कहा कि उनकी उच्चतम शैक्षणिक योग्यता दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पोंडेंस से बी.कॉम (पार्ट वन) है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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