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‘लापता 22 भारतीय आईएस में शामिल’

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ISISनई दिल्ली। केरल से लापता जिन 22 लोगों पर आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) से जुडऩे के लिए भारत छोडऩे का आरोप है, वे जुलाई के प्रथम सप्ताह में अफगानिस्तान पहुंच चुके हैं।

यह जानकारी गिरफ्तार आईएस समर्थक यास्मीन मोहम्मद जाहिद से पूछताछ करने वाले अधिकारियों ने दी है। 29 वर्षीय यास्मीन को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से पहली अगस्त को उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह भारत से अफगानिस्तान जाने की कोशिश में थी।

उसने जांचकर्ताओं को बताया कि लापता केरलवासियों में से 13 पुरुष हैं, छह महिलाएं और तीन बच्चे हैं, और उन्होंने मई मध्य और जुलाई के प्रथम सप्ताह के बीच केरल के कासरगोड और पलक्कड़ जिलों में स्थित अपने घरों को छोड़ दिया था।

एनआईए के एक अधिकारी ने यास्मीन के बयान के हवाले से आईएएनएस से कहा कि सभी लापता केरलवासी बेंगलुरू, हैदराबाद या मुंबई हवाईअड्डों से कुवैत, दुबई, मस्कट या अबुधाबी के लिए प्रस्थान किया और पता चला है कि वे वहां से ईरान होते हुए अफगानिस्तान चले गए। यास्मीन ने हिरासत में हुई पूछताछ के दौरान कहा कि उसने अब्दुल राशिद (30) से इस वर्ष तीन मई को शादी की थी और निकाह की रस्म फोन पर संपन्न हुई थी। राशिद अन्य केरलवासियों के साथ भारत छोडऩे का आरोपी है। जांचकर्ताओं ने कहा कि दो अन्य आरोपी अशफाक और याहया ने निकाह समारोह में गवाह की भूमिका निभाई थी, जबकि एक अन्य आरोपी शिहास ने दुल्हन के अभिभावक की भूमिका निभाई थी।

यास्मीन ने जांचकर्ताओं को यह भी बताया है कि उसका पति राशिद उसे मैसेजिंग एप, टेलीग्राम पर खिलाफत और इस्लामिक स्टेट के नेता अबु बक्र अल-बगदादी के समर्थन में वीडियो और संदेश भेजता था। यास्मीन ने एनआईए के जांचकर्ताओं से कहा कि राशिद और उसकी पहली पत्नी आयशा एक ब्रिटिश दंपति के संपर्क में थे, जिन्होंने इस्लाम कबूल कर लिया था और वे टेलीग्राम चैनल पर आईएस और खिलाफत के समर्थन में संदेश फैलाते थे। एनआईए के अधिकारी ने यास्मीन के बयान के हवाले से कहा, राशिद ने यास्मीन को जुलाई के प्रथम सप्ताह में बताया था कि वह और केरल से लापता अन्य लोग अफगानिस्तान में खिलाफत पहुंच गए थे।
अधिकारी ने कहा कि राशिद ने यास्मीन को अपनी पहली पत्नी आयशा का एटीएम कार्ड भी दिया था और मध्य जुलाई में उसके खाते में 1.50 लाख रुपये स्थानांतरित किया था, जिसका उपयोग यास्मीन ने अफगानिस्तान की अपनी यात्रा की तैयारियों के लिए किया।

अधिकारी ने कहा, यास्मीन ने इन पैसों के जरिए हवाई टिकट खरीदे, अफगानिस्तान के वीजा के लिए भुगतान किया और 620 डॉलर भी खरीदे थे। एनआईए ने सोमवार को यह भी कहा कि एक अन्य लापता आरोपी डॉ. इजास की बहन ने उन्हें सूचित किया कि उसका भाई और उसकी पत्नी रेफेला को छह सितंबर को एक लडक़ी पैदा हुई है।

एनआईए ने अगस्त के अंतिम सप्ताह में इस मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी में 19 लापता लोगों को आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसमें कासरगोड जिले के 14 लोग तथा पलक्कड़ जिले के पांच लोग शामिल हैं। जांच एजेंसी इस बात की जांच कर रही है कि लापता लोग आतंकी संगठन आईएस से जुड़े हैं या नहीं। लापता बच्चे जो कि संभवत: अपने माता-पिता के साथ चले गए हैं, उन्हें आरोपियों की सूची में शामिल नहीं किया गया है। एनआईए के सूत्रों ने कहा कि कुछ अज्ञात लोग भी इस मामले में आरोपी हैं। प्राथमिकी कोच्चि की एक एनआईए अदालत में दर्ज की गई है।

नेशनल

पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे

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श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।

अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।

नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।

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