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मुख्य समाचार

कश्मीर घाटी में 58वें दिन भी बंद

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बंदश्रीनगर| कश्मीर घाटी में सोमवार को लगातार 58वें दिन भी बंद की स्थिति है। कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, “घाटी में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। आज (सोमवार) कहीं भी कर्फ्यू नहीं होगा।”

घाटी में रविवार को हुई हिंसक झड़पों में प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाकर्मियों सहित 200 से अधिक घायल हो गए।

इस बीच, अलगाववादियों ने कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर रविवार को यहां पहुंचे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिलने से मना कर दिया।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य शरद यादव, सीताराम येचुरी और डी. राजा जब अलगाववादी नेता सैयद अली गिलानी के श्रीनगर में हैदरपोरा स्थित घर उनसे मिलने पहुंचे तो उन्होंने दरवाजा तक खोलने से मना कर दिया।

मीरवाइज उमर फारूक, शब्बीर अहमद शाह तथा यासीन मलिक ने प्रतिनिधिमंडल में शामिल विपक्षी दलों के सदस्यों से मुलाकात तो की, लेकिन मौजूदा हालात में बातचीत से इनकार कर दिया।

केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में यहां पहुंचे प्रतिनिधिमंडल की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती व उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों से विस्तृत वार्ता हुई।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सहित व विपक्ष के अन्य नेताओं से भी प्रतिनिधिमंडल की विस्तृत वार्ता हुई।

लद्दाख के करगिल जिले से भी नागरिक समाज का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से मिला।

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जम्मू का दौरा करेगा।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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