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अन्तर्राष्ट्रीय

तनाव कम करने के लिए भारत-पाकिस्तान में ‘प्रत्यक्ष वार्ता’ हो : अमेरिका

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अमेरिका

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 अमेरिकावाशिंगटन| अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से तनाव कम करने और संबंध सामान्य बनाने के लिए ‘प्रत्यक्ष वार्ता’ की वकालत की है। जम्मू एवं कश्मीर में बड़े पैमाने पर उपद्रवों के बाद हाल में दोनों मुल्कों के आपसी संबंध खराब हो गए हैं।

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क सी. टोनर ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, “हम भारत और पाकिस्तान के उन सभी प्रयासों का समर्थन करते हैं जो क्षेत्र में और अधिक स्थिरता और समृद्धि लाने में सहयोग कर सकते हैं और जिसमें किसी भी स्तर पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों के बीच वार्ता शामिल है।”

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों और जम्मू एवं कश्मीर में कथित मानवाधिकार उल्लंघन और इस्लामाबाद द्वारा आतंकवाद के समर्थन को लेकर हाल में दोनों देशों में छिड़े वाक्युद्ध से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए टोनर ने यह बात कही।

गत सप्ताह पाकिस्तान ने कश्मीर विवाद पर विदेश सचिव स्तरीय वार्ता की पेशकश की थी। भारत ने कश्मीर पर बात की पेशकश ठुकरा दी और कहा कि वह केवल सीमापार आतंकवाद पर वार्ता करने को तैयार है।

टोनर से पूछा गया कि पाकिस्तान ने कई अवसरों पर दोनों देशों के बीच अमेरिकी मध्यस्थता की इच्छा जाहिर की है और क्या वाशिंगटन मध्यस्थता के लिए आगे आएगा? इस पर उन्होंने संकेत दिया कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है।

टोनर ने कहा, “लंबे समय से हमारा मानना रहा है कि संबंध सामान्य बनाने और व्यावहारिक सहयोग से भारत और पाकिस्तान को लाभ होगा। इसलिए हम इसे प्रोत्साहित करेंगे कि तनाव कम करने के लिए दोनों देश निरंतर सीधी वार्ता करें।”

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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