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उत्तराखंड में स्वतंत्रता दिवस से पहले सुरक्षा कड़ी

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उत्तराखंड

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उत्तराखंड देहरादून| देश में स्वतंत्रता दिवस से पहले ही उत्तराखंड के कई सार्वजनिक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि खुफिया एजेंसियों के हवाले से हालांकि राज्य में किसी प्रकार के आतंकवादी हमले की सूचना नहीं मिली है, पर इस साल की शुरुआत में रुड़की से इस्लामिक स्टेट (आईएस) के चार समर्थकों की गिरफ्तारी को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है।

एक खुफिया अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी से पूछताछ के दौरान इसका खुलासा किया है कि उन्होंने ‘एक खास अभियान’ के लिए हरिद्वार, देहरादून और रुड़की में रेकी की थी।

इसके बाद से उत्तराखंड में पुलिस, पुलिस खुफिया एजेंसियां और सुरक्षाकर्मी सतर्क हो गए हैं। मॉल, बाजारों, बस तथा रेलवे स्टेशनों पर सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है। सरकारी कार्यालयों तथा इमारतों में भी एहतियात के तौर पर सुरक्षा मजबूत बनाई गई है।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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