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राज्यसभा में उठा बुलंदशहर दुष्कर्म मामला

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राज्यसभा में उठा बुलंदशहर दुष्कर्म मामला

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राज्यसभा में उठा बुलंदशहर दुष्कर्म मामलानई दिल्ली| बुलंदशहर दुष्कर्म व महिलाओं के खिलाफ अन्य अत्याचारों का मामला बुधवार को राज्यसभा में उठा, जिस पर हंगामा भी हुआ। सदस्यों ने मामले पर चर्चा की मांग की। राज्यसभा में मुद्दे को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने उठाया और इस मुद्दे पर सरकार पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया।

मायावती ने कहा, “उत्तर प्रदेश तथा देश के अन्य हिस्सों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ गए हैं। महिलाओं से दुष्कर्म किया जा रहा है.. सरकार कर क्या रही है।”

उन्होंने कहा, “हमें ऐसे मुद्दों पर दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। बरेली में एक शिक्षिका का अपहरण कर लिया गया। बुलंदशहर की घटना बेहद बर्बर है।”

मायावती ने कहा, “इन मुद्दों पर सरकार ने चुप्पी क्यों साध रखी है?”

समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्य जया बच्चन ने भी कहा कि महिलाओं के मुद्दों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसपर चर्चा होनी चाहिए।

वहीं, संसदीय मामलों के राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी घटना को ‘बर्बर’ बताया।

उन्होंने कहा, “इस तरह की बर्बर घटनाओं को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता। हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार इसपर कार्रवाई करेगी।”

इस बीच, कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने कहा कि मुद्दे पर संसद सदस्य नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री राजनीति कर रहे हैं।

इसके बाद, सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने बुलंदशहर घटना के बाद कार्रवाई की है।

सपा नेता ने कहा, “हम सब मुद्दे को लेकर चिंतित हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई की है, जिसकी प्रशंसा की गई है।”

बीते सप्ताह उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कार से खींचकर एक महिला व उसकी बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था।

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आजम खान ने बाद में कहा था कि घटना साजिश हो सकती है, जिसके बाद विभिन्न हलकों में उनकी बेहद आलोचना हुई थी।

एक अन्य घटना में उत्तर प्रदेश के बरेली में मंगलवार को 19 वर्षीया स्कूल शिक्षिका के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया।

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जेल से बाहर आएंगे अरविंद केजरीवाल, 1 जून तक के लिए मिली अंतरिम जमानत

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल आज ही तिहाड़ से बाहर आएंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केजरीवाल पर चुनाव प्रचार को लेकर कोई पाबंदी नहीं है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद ये आदेश पारित किया है। केजरीवाल को जमानत लोकसभा चुनाव के चलते दी गई है। हालांकि कोर्ट में ईडी ने इसका विरोध किया और कहा कि ये संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से 5 जून तक की जमानत की मांग की थी। हालांकि, कोर्ट ने कहा- “हमें कोई समान लाइन नहीं खींचनी चाहिए। केजरीवाल को मार्च में गिरफ़्तार किया गया था और गिरफ़्तारी पहले या बाद में भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर-उधर से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 2 जून को अरविंद केजरीवाल सरेंडर करेंगे।”

बीते गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने केजरीवाल की जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया था। ईडी ने हलफनामे में कहा था कि चुनाव प्रचार करना कोई मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं, दूसरी ओर ईडी के हलफनामे पर केजरीवाल की लीगल टीम ने कड़ी आपत्ति जताई थी। हालांकि, ईडी की सभी दलीलों को दरकिनार करते हुए अदालत ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत दे दी है।

 

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