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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन ने दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका, जापान व अस्ट्रेलिया के संयुक्त बयान को खारिज किया

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चीन ने दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका, जापान व अस्ट्रेलिया के संयुक्त बयान को खारिज किया

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चीन ने दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका, जापान व अस्ट्रेलिया के संयुक्त बयान को खारिज किया

वियनतियाने। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को दक्षिण चीन सागर पर अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के त्रिपक्षीय संयुक्त बयान को खारिज कर दिया। उन्होंने सवाल किया कि तीनों वास्तव में शांति रक्षक हैं या समस्याएं पैदा करने वाले? 

वांग ने यह टिप्पणी लाओ की राजधानी वियनतियाने में पूर्वी एशिया देशों के विदेश मंत्रियों के छठे शिखर सम्मेलन के दौरान सोमवार शाम की। इससे पहले अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण चीन सागर पर एक संयुक्त बयान जारी किया था।

वांग ने कहा कि चीन-आसियान बैठक सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। डेक्लरेशन ऑन द कंडक्ट (डीओसी) के पूर्ण एवं प्रभावी क्रियान्वयन पर एक संयुक्त बयान 11 विदेश मंत्रियों की बैठक संपन्न होने पर की गई। चीन-आसियान संयुक्त बयान में सभी पक्षों ने विशिष्ट विवादों का समाधान बातचीत के जरिये ढूंढ़ने की प्रतिबद्धता जताई।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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