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‘बदनामी से बचने के लिए आत्महत्या करना चाहता था नरसिंह’

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'बदनामी से बचने के लिए आत्महत्या करना चाहता था नरसिंह'

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'बदनामी से बचने के लिए आत्महत्या करना चाहता था नरसिंह'जयंत के. सिंह 

बहालगढ़ (सोनीपत)| दिल्ली से करीब 45 किलोमीटर दूर सोनीपत के करीब बहालगढ़ स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के चौधरी देवीलाल रीजनल सेंटर में मंगलवार की सुबह सन्नाटा था। सेंटर का मुख्य द्वार बंद था। द्वार पर सुरक्षाकर्मी मौजूद थे। सेंटर में उससे जुड़े लोगों और मान्यता प्राप्त पत्रकारों के अलावा किसी को प्रवेश की इजाजत नहीं थी।

ग्रैंड ट्रंक रोड पर स्थित इस सेंटर में प्रवेश के साथ ही साफ महसूस हो रहा था कि यहां कुछ बुरा हुआ है। हर कोई अपने काम में जुटा था, लेकिन किसी के चेहरे पर वह उत्साह नहीं था, जो आमतौर पर खिलाड़ियों के चेहरों पर होती है। कोई भी डोप में फंसे सेंटर के दो खिलाड़ियों-पहलवान नरसिंह पंचम यादव और उनके रूममेट संदीप यादव के बारे में खुलकर बात करने को तैयार नहीं था।

सेंटर के मुख्य कुश्ती कक्ष में पहुंचा तो वहां भी सन्नाटा पसरा था। एक-दो पहलवान अभ्यास कर रहे थे, लेकिन उनकी आवाज में खनक नहीं थी। कक्ष की दीवारों पर ओलम्पिक में भारत को पदक दिलाने वाले हरियाणा की शान-सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त की तस्वीरें लगी थीं। इसी कक्ष में नरसिंह ओलम्पिक की तैयारी कर रहे थे।

अब वह ओलम्पिक की तैयारी नहीं, बल्कि अपने खिलाफ डोप मामले में सजा के इंतजार में हैं। बुधवार को राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) उनके खिलाफ सजा का ऐलान करेगा। नरसिंह का रियो जाना नामुमकिन है। एक पहलवान और देश की हसरतों की हत्या हो चुकी है।

केंद्रीय खेल मंत्री विजय गोयल ने सोमवार को साफ कर दिया था कि रियो जाने वाले भारतीय दल के सदस्यों की संख्या अब 119 रह गई है। इसका मतलब यह है कि इस सूची में से नरसिंह का नाम हटा दिया गया है। अब 74 किलोग्राम वर्ग में भारत का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा, जबकि इस वर्ग में भारत पदक की उम्मीद कर रहा था।

नरसिंह को स्टेरॉयड के सेवन का दोषी पाया गया है। नरसिंह ने अपने खिलाफ साजिश की बात कही है। आज नरसिंह सेंटर में नहीं हैं। उसके कुछ साथी यहां हैं, जो मानते हैं कि नरसिंह ऐसा कभी नहीं कर सकता और उसकी साजिश वाली बात में दम है।

नरसिंह के एक साथी ने अपना नाम जाहिर न होने की शर्त पर आईएएनएस को बताया कि जिस दिन नरसिंह के डोप टेस्ट में नाकाम होने की खबर आई थी, वह बुरी तरह टूट गया था और बदनामी से बचने के लिए आत्महत्या करना चाहता था।

साथी ने कहा, “सर जी, वह बड़ा स्वाभिमानी लड़का है। वह एक लड़ाका है। वह देश तथा अपने परिवार के लिए मान और सम्मान हासिल करना चाहता था। उसने अब तक जो कुछ हासिल किया है, वह बिना किसी डोप के हासिल किया है और उसे इस बात का गर्व था। वह ऐसा कर ही नहीं सकता। जिस दिन उसके डोप टेस्ट में नाकाम होने की खबर आई थी, वह बुरी तरह टूट गया था। उसे बदनामी बिल्कुल पसंद नहीं, लिहाजा वह अत्महत्या करना चाहता था, लेकिन कोच साहब (जगमाल सिंह) और सेंटर के वरिष्ठ सदस्यों के समझाने के बाद वह ऐसा नहीं कर सका।”

नरसिंह के कोच जगमाल सिंह ने भी इसे अपने शिष्य के खिलाफ साजिश करार दिया है। कोच ने कहा है कि यह उनके शिष्य को रियो जाने से रोकने की साजिश है और ऐसा करने वालों ने न सिर्फ नरसिंह के खिलाफ साजिश की है, बल्कि कुश्ती और देश के खिलाफ भी साजिश की है।

साथी ने बताया कि डोप टेस्ट में नाकाम होने की खबर के बाद नरसिंह काफी बेचैन रहने लगा था। सेंटर और साई के अधिकारियों को इस बात की आशंका थी कि कहीं वह कोई गलत कदम न उठा ले, लिहाजा उस पर नजर रखी जाने लगी।

बकौल साथी, “नरसिंह अंदर से बहुत मजबूत है। वह हमेशा कहता था कि उसने अपने दम पर देश के लिए ओलम्पिक टिकट हासिल किया है और अब उसका सपना रियो में देश को स्वर्ण पदक दिलाने का है। वह रोजाना साई सेंटर में सुशील और योगेश्वर की तस्वीरों के नीचे अभ्यास करता था और वह आज बी इन दोनों पहलवानों को अपना प्रेरणास्रोत मानता है। उसे कभी किसी से कोई शिकायत नहीं रही।”

तो क्या नरसिंह को कभी इस बात का डर रहा कि सुशील के खिलाफ अदालत में मिली जीत के बाद उसके खिलाफ साजिश की जा सकती है? इस सवाल के जवाब में सेंटर के एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा, “नहीं, उसने कभी ऐसा नहीं कहा। हां, साई ने ही उससे कहा था कि अगर वह चाहे तो उसे मुम्बई के कांदीवली स्थित साई सेंटर भेज दिया जाए। इस पर नरसिंह ने कहा कि सोनीपत सेंटर अभ्यास के लिए बेहतरीन जगह है और वह कहीं और नहीं जाना चाहता। वह इस सेंटर के सम्पन्न इतिहास की गोद में रहकर ओलम्पिक में पदक जीतने का अपना सपना पूरा करना चाहता था।”

बुधवार को नरसिंह के खिलाफ नाडा सजा का ऐलान करेगा। बुधवार के घटनाक्रम का नरसिंह के रियो जाने से कोई लेना-देना नहीं है। भारतीय कुश्ती महासंघ से मिल रहे समर्थन के बाद भी नरसिंह का रियो जाना नामुमकिन है क्योंकि अब काफी देर हो चुकी है। सोनीपत के साई सेंटर में अजीब सी खलबली है। हालंकि, इस परिसर में रह रहे लोगों को नरसिंह के खिलाफ होने वाली सजा से अधिक दुख उसके रियो नहीं जाने का है।

सेंटर के मुख्य कुश्ती कक्ष की देखभाल करने वाले सोमवीर सिंह को कम पढ़ा-लिखा होने के बाद भी इस बात का इल्म है कि नरसिंह के साथ क्या हुआ है। सिंह ने आईएएनएस से कहा, “साब, वह कमाल का लड़का है। हर वक्त बस एक ही सपना देखता है। देश को ओलम्पिक में पदक दिलाना है।”

सेंटर से विदा होते हुए मन काफी अशांत था। एक अजीब सी बेचैनी थी। यह अशांति सेंटर के अंदर की अशांति और बेचैनी, यहां रह रहे हर शख्स के अंदर की बेचैनी को परिलक्षित कर रही थी। अभी कुछ दिन पहले ही अपने एक वरिष्ठ साथी से मैंने कहा था कि नरसिंह रियो में पदक का दावेदार है, ऐसे में उसका इंटरव्यू बनता है। उस समय अगर यहां आया होता तो शायद यहां की गहमागहमी से परिचय होता, लेकिन किन्हीं कारणों से ऐसा नहीं हो सका। अब न जाने इस सेंटर में वह गहमागहमी कब लौटेगी। शायद रियो में योगेश्वर के पदक जीतने पर लौट आए, लेकिन इसके बाद भी इस सेंटर में नरसिंह की मासूमियत और इस खेल के प्रति उसके लगाव को हमेशा ‘मिस’ किया जाएगा।

नेशनल

ओडिशा के ढेंकानाल में बोले पीएम मोदी, मैंने ओडिशा और देश की सुख समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद मांगा

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नई दिल्ली। पीएम मोदी ने ओडिशा के ढेंकानाल में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम मोदी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत जय जगन्नाथ और जय श्रीराम का उद्घोष कर के किया। पीएम मोदी ने 10 बजे सुबह में लोगों की इतनी बड़ी भीड़ आने पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा कि मैं सुबह भगवान जगन्नाथ का आशीर्वाद लेने गया था जहां हजारों लोगों की भीड़ आई थी। पीएम ने कहा कि भगवान जगन्नाथ हर किसी की आशा पूरी करते हैं। पीएम ने कहा कि मैनें ओडिशा और देश की सुख समृद्धि के लिए भगवान जगन्नाथ से आशीर्वाद मांगा है। पीएम मोदी ने रैली में आए बच्चों के बारे में कि जब 2047 में भारत विकसित होगा तब यही लोग देश चला रहे होंगे।

पीएम मोदी जनसभा में कहा कि चुनाव के इस समय में दुनिया के कई एक्सपर्ट देश के कोने-कोने में जाकर हालात का जायजा ले रहे हैं। भारत के लोकतंत्र के उत्सव का आनंद लेते हुए मतदाताओं की नब्ज टटोल रहे हैं। हर कोई चकित है कि लोग तीसरी बार भी मोदी सरकार को वापस लाना चाहते हैं। इसमें हमारी माताओं और बहनों का योगदान सबसे ज्यादा है। ओडिशा के गांव-गांव, गली-गली में अब एक ही नारा गूंज रहा है। ओडिशा में पहली बार-डबल इंजन सरकार।

पीएम मोदी ने रैली में आए लोगों से कहा कि आपने 25 साल तक बीजद की सरकार पर भरोसा किया। लेकिन आज लोग इस बात पर मंथन कर रहे हैं कि इतने सालों में ओडिशा को क्या मिला। आज भी यहां किसान परेशान हैं। युवा दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए जा रहे हैं। आदिवासी क्षेत्र जहां जल जंगल, जमीन है खनिज संपदा है, वहां सबसे ज्यादा बेहाली है। इन्हीं इलाकों से सबसे ज्यादा पलायन होता है।

पीएम मोदी ने कहा कि इतने समृद्ध ओडिशा में जनता इतनी गरीबी में जीने के लिए मजबूर क्यों है। पीएम ने कहा कि मैं सोमनाथ की धरती से जगन्नाथ की धरती को प्रणाम करने आया हूं। लेकिन मैं ओडिशा की गरीबी को देखता हूं तो मुझे तकलीफ होती है। पीएम ने कहा कि इतना समृद्ध प्रदेश, इतनी महान विरासत, मेरे ओडिशा को किसने तबाह-बर्बाद किया। किसने इसके युवाओं के सपनों को कुचल डाला। ये बातें बहुत तकलीफ देती है। पीएम ने कहा कि इसकी सबसे बड़ी वजह है बीजू जनता दल की सरकार जो पूरी तरह भ्रष्टाचारियों के कब्जे से घिरी हुई है। पीएम ने कहा कि मुट्ठी भर भ्रष्टाचारी सीएम आवास पर कब्जा कर के बैठे हैं। बीजद के छोटे-छोटे नेता करोड़ों के मालिक बन गए हैं। पीएम ने कहा कि ओडिशा की बीजद सरकार ने यहां की खनिज संपदा का फायदा लोगों को नहीं मिलने दिया।

पीएम मोदी ने कहा कि 2014 में पीएम बनने के बाद मैंनें नई खनन नीति बनाई। इसके तहत ओडिशा को ज्यादा रॉयल्टी मिलती है। हमने नियम बनाया कि खनिज की कमाई का एक हिस्सा यहीं रहे और लोगों के विकास में लगे। हमने ओडिशा को मिनरल फंड के तहत 26 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। पीएम ने कहा कि ये पैसे ढेंकनाल में बच्चों के स्कूल, गांव की सड़कों के लिए खर्च होने थे। लेकिन बीजेडी की सरकार ने इसमें भी भ्रष्टाचार किया।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेडी के राज में ओडिशा की न तो संपदा सुरक्षित है और न ही सांस्कृतिक धरोहर। बीजेडी सरकार के कारण जगन्नाथ मंदिर भी सुरक्षित नहीं है। बीते 6 साल से श्री रत्न भंडार की चाबी का अता-पता नहीं है। जब हमारे घर की चाबी खो जाती है तो हम भगवान जगन्नाथ से मदद मांगते हैं और चाबी हमें मिल जाती है। लेकिन यहां 6 साल से रत्न भंडार की चाबी खो गई है। पीएम मोदी ने कहा कि इसके पीछे बीजेडी सरकार और सीएम को घेरा डाल कर बैठे लोग जिम्मेदार हैं। पूरा ओडिशा जानना चाहते है कि जो जांच हुई थी उसकी रिपोर्ट में ऐसा क्या है जो रिपोर्ट ही दबा दी है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजेडी की खामोशी के कारण लोगों का शक गहरा रहा है। पीएम ने कहा कि मैं आज ओडिशा के लोगों को गारंटी देता हूं कि भाजपा की सरकार उस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी। इसके बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पीएम ने कहा कि भगवान जगन्नाथ की सबसे बड़ी सेवा उसी समय से शुरू हो जाएगी।

पीएम मोदी ने कहा कि ओडिशा का तेज विकास ओडिशा की मिट्टी की संतान ही कर पाएगी। इसलिए मोदी ने गारंटी दी है कि आप यहां भाजपा की सरकार बनाइए और भाजपा ओडिशा के बेटे या बेटी को ही ओडिशा का मुख्यमंत्री बनाएगी। पीएम ने कहा कि मैनें पहले से ही शपथ ग्रहण की तारीख बता दी है। मैं सभी को निमंत्रण देने आया हूं कि 10 जून को ओडिशा में भाजपा की डबल इंजन सरकार का शपथ ग्रहण समारोह होगा। पीएम मोदी ने कहा कि बीजद सरकार का जाना तय है।

पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के ओडिशा को विकास की रफ्तार चाहिए जो बीजेडी सरकार किसी भी हालत में नहीं दे सकती। इस शताब्दी का अब तक पूरा हिस्सा लोग बीजेडी को दे चुके हैं। अब समय आ चुका है कि लोग बीजेडी की ढ़ीली सरकार को छोड़कर भाजपा की सरकार चुने। पीएम मोदी ने कहा कि बीते लंबे समय से ओडिशा में सिंचाईं परियोजनाएं लटकी पड़ी हैं। आपने अगर मोदी को अवसर दिया तो हम इसे पीएम कृषि सिंचाई योजना में लाएंगे। ओडिशा में 8 ऐसे प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 5 को मोदी सरकार पूरा कर चुकी है। लेकिन बीजद की सरकार के ज्यादातर प्रोजेक्ट आज भी अधूरे हैं।

पीएम ने कहा कि ओडिशा के किसानों के साथ भी हमेशा से विश्वासघात हुआ है। ओडिशा का किसान साल में धान की एक फसल मुश्किल से उगाता है। लेकिन किसान को 2200 रुपये को घोषित एमएसपी भी उन्हें नहीं मिलता। बीजेडी के नेता धान किसानों को मंडी में लूटते हैं। पीएम ने रैली में आए लोगों से कहा कि आप हर किसान से जाकर मिलें और उन्हें बताए कि अगर यहां भाजपा की सरकार बनेगी तो ओडिशा में भी छत्तीसगढ़ की तरह धान का एमएसपी 3100 रुपये होगा। 48 घंटे के अंदर में ही धान का ये पैसे उनके खाते में चला जाएगा। इसके अलावा जो तोलने के बहाने जो कंटनी-छंटनी होती है और किसानों के लूटा जाता है उससे मुक्ति के लिए मंडियों में इलेक्ट्रिक मशीन लगाई जाएगी।

पीएम ने कहा कि बीजेडी सरकार का पहली बार इस तरह कच्चा-चिट्ठा देश के सामने आ रहा है। आदिवासी अधिकारों को लेकर भी ओडिशा की बीजद सरकार लापरवाह है। केंद्र सरकार ने वन-धन योजना शुरू की है। जिसके तहत वन उत्पादों की खरीद एसएसपी पर होती है। ओडिशा में 175 केंद्र खुले हैं। इनमें 80 से ज्यादा वन उत्पादों की खरीद एमएसपी पर होती है। लेकिन बीजद सरकार वन उपज पर एमएसपी नहीं देती। वह यहां आदिवासियों के लिए पेसा कानून लागू नहीं करती जिस कारण आदिवासियों के भूमि अधिकार की समस्या ज्यों की त्यों है।

पीएम मोदी ने कहा कि बीजद सरकार के कारण माताओं बहनों का घर चलाना भी मुश्किल हो गया है। पीएम मोदी ने कहा कि वह दिल्ली से मुफ्त चावल के लिए पैसे भेजते हैं। लेकिन बीजेडी के लोग उसपर अपना चेहरा लगाकर बेच देते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार ओडिशा की महिलाओं के लिए सुभद्रा योजना शुरू करेंगे जो काफी मददगार होगी।

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