मुख्य समाचार
‘बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में’
बसपा नेताओं द्वारा अभद्र भाषा के प्रयोग के खिलाफ सड़कों पर उतरी भाजपा
लखनऊ। ‘बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में’ के नारे के साथ भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई अपने पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बेटी के सम्मान के खातिर पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरी है। भाजपा के नेताओं ने आज लखनऊ सहित प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया।
लखनऊ में भाजपा के नेताओं की पुलिस से झड़प भी हो गई। भाजपा के इस प्रदर्शन को देखते हुए लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी के हर कार्यालय के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के आवास की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया। लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के नेता तथा कार्यकर्ता बहुजन समाज पार्टी तथा यावती के खिलाफ प्रदर्शन किया।
राजधानी लखनऊ में भाजपाइयों की पुलिस से झड़प
लखनऊ में इस प्रदर्शन के दौरान हजरतगंज चौराहे पर भाजपा के कार्यकर्ताओं की पुलिस से भिड़ंत हो गई। पुलिस इनको मायावती के आवास तथा बसपा कार्यालय की ओर जाने से रोक रही थी। मायावती के आवास के साथ ही बसपा के कार्यालय पर कई थाना की फोर्स तैनात की गई थी। लखनऊ के साथ ही आगरा, मेरठ, इलाहाबाद, बरेली, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर, बस्ती, मथुरा तथा अन्य शहरों में प्रदर्शन हुआ। मथुरा में बेटी के सम्मान में भाजपा ने होली गेट चौराहे पर प्रदर्शन किया।
गोरखपुर में भारतीय जनता पार्टी ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में प्रदर्शन कर भाजपा से निष्कासित दयाशंकर सिंह की पत्नी और बेटी के खिलाफ अश्लील टिप्पणी करने वाले बसपा नेता नसीमुद़्दीन सिद़्दीकी एवं उनके समर्थकों को गिरफ़्तार करने की मांग की है।
इस संबंध में उन्होंने जिलाधिकारी को ज्ञापन भी दिया है। इसके बाद राज्यपाल को इस बाबत एक ज्ञापन भी दिया जाएगा। लखनऊ में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या ने कहा कि ‘बेटी के सम्मान में’ मायावती के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शन हर जिला मुख्यालय पर हो रहा है। शाम को प्रदेश इकाई माननीय राज्यपाल राम नाइक से मिलकर ज्ञापन सौंपेगी।
साफ संकेत है कि भारतीय जनता पार्टी अब दयाशंकर सिंह के परिवार के समर्थन में आ गई है। भाजपा ने अब मायावती पर पलटवार करने का फैसला लिया है। मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने परेउत्तर प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को तो भाजपा ने छह वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया है, लेकिन मायावती के खिलाफ पूरे सूबे में प्रदर्शन कर रही है।
केशव मौर्य ने मांग की कि यदि मायावती के मन में थोड़ा भी स्त्री की गरिमा के प्रति सम्मान हो तो नसीमुद्दीन सिद्दीकी को नेता विधान परिषद से बर्खास्त करने के साथ ही पार्टी के महासचिव पद से निष्कासित करें।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा यदि नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत उन सभी बसपाइयों को, जिन्होंने दयाशंकर सिंह की बेटी के लिए अपशब्द का प्रयोग किया है उनकी गिरफ्तारी नहीं की जाती है तो भारतीय जनता पार्टी ‘बेटी के सम्मान’ में संघर्षों के मैदान में उतरेगी।
बसपा के खिलाफ सड़क पर उतारा क्षत्रिय समाज
बसपा सुप्रीमो मायावती पर भाजपा नेता दयाशंकर सिंह द्वारा अभद्र टिप्पणी को लेकर माहौल गरमाता जा रहा है। एक तरफ बसपाई जहां जगह-जगह भाजपा और दयाशंकर सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, वहीं बलिया में क्षत्रिय समाज शुक्रवार को दयाशंकर सिंह के पक्ष में सड़क पर उतरा और बसपा के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। लखनऊ में पंचायत भी बुलाई गई है, जिसमें शामिल होने के लिए गुरुवार को जिले से बड़ी संख्या में क्षत्रिय समाज के लोग लखनऊ रवाना हुए। क्षत्रिय समाज के लोग लखनऊ में बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा दयाशंकर सिंह के परिवारजनों के विरुद्ध अपशब्द कहे जाने से नाराज थे। अपशब्द कहे जाने के दौरान बसपा विधायक उमाशंकर सिंह भी मौजूद थे। उनके खिलाफ भी समाज ने नाखुशी जाहिर की। क्षत्रिय समाज के छात्रनेताओं, अधिवक्ताओं व महिलाओं ने मायावती के खिलाफ नारे लगाए। छात्र नेताओं ने प्रमुख चौराहों पर मायावती का पुतला भी फूंका। छात्र नेताओं ने स्थानीय कोतवाली में मायावती के विरुद्ध तहरीर भी दी।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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