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अन्तर्राष्ट्रीय

‘लैटिन अमेरिका में बदलाव को दर्शाता है क्यूबा-अमेरिका की सुलह’

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काराकस| क्यूबा और अमेरिका के बीच कूटनीतिक सुलह की कोशिशों के बीच वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मडुरो ने कहा कि यह लैटिन अमेरिका में बदलाव को दर्शाता है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, मडुरो ने क्यूबा के नेता रॉल कास्त्रो को भेजे पत्र में लिखा है कि कूटनीति संबंध बहाल करने के लिए दोनों देशों के बीच सहमति से संबंधित 17 दिसम्बर की घोषणा लैटिन अमेरिका में राजनीतिक बदलाव का परिणाम है।

यह पत्र शुक्रवार को क्यूबा की मीडिया में प्रकाशित हुआ। पत्र पर 20 दिसम्बर की तारीख अंकित है। मडुरो ने लिखा है, “अमेरिका को हमारे प्रति अपना नजरिया बदलना पड़ेगा कि अब हम इसके पिछलग्गु नहीं रहे।”

उन्होंने लिखा, “हालांकि मैं मानता हूं कि सुलह की यह कोशिश महत्वपूर्ण कदम है। लेकिन अमेरिका को यह समझना होगा कि लैटिन अमेरिका में काफी कुछ बदल चुका है और हम पीछे मुड़कर नहीं देखेंगे।”

उन्होंने अमेरिका द्वारा क्यूबा के तीन कैदियों को रिहा करने की भी प्रशंसा की।

इन्हें वर्ष 1998 में फ्लारिडा के मियामी से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और लंबे समय तक कैद रखा गया था। उन पर क्यूबा की वामपंथी सरकार को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से निर्वासन में रहकर काम कर रहे क्यूबा के दक्षिणपंथी समूह के लिए जासूसी करने का आरोप था।

मडुरो ने कहा कि इन कैदियों की रिहाई के साथ ही अमेरिका की ‘हस्तक्षेपकारी नीतियों से संबंधित अध्यायों में से एक का अंत’ हो गया।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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