उत्तराखंड
उत्तराखंड: सीएम ने की आपदा राहत कार्यों की समीक्षा
आपदा राहत कार्यों में तेजी लायें
देहरादून। बीजापुर अतिथि गृह में कैबिनेट मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत एवं अन्य मंत्रियों ने राज्य में हुई अतिवृष्टि से आई आपदा में चल रहे राहत कार्यों की समीक्षा की। इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन शैलेश बगोली द्वारा आपदा की अद्यतन स्थिति एवं सरकार द्वारा संचालित राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया। मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा राहत कार्यों में और तेजी लायी जाये तथा मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान भारी वर्षा को देखते हुए हर समय अलर्ट रहें।
अतिवृष्टि से विभिन्न स्थानों पर प्राप्त क्षति की सूचना के अनुसार जनपद पिथौरागढ़ के डीडीहाट एवं थल तहसील में अत्याधिक वर्षा से त्वरित बाढ़ व मलवा आने की घटनायें हुई हैं। ग्राम सिगांली, दाफीला, बस्तड़ी एवं नौलड़ा क्षेत्र में अत्याधिक वर्षा से वर्तमान तक लगभग 160 परिवारों के प्रभावित होने के साथ ही नौलड़ा गांव में 02, बस्तड़ी में 09, चर्मा में 01 मानव हानि हुई। इस प्रकार कुल 12 मानव हानि, 03 व्यक्ति गम्भीर घायल, 10 व्यक्ति सामान्य घायल एवं 15 लापता होने की सूचना है।
03 गम्भीर घायलों को हैलीकाप्टर से जिला चिकित्सालय पिथौरागढ़ में लाया गया है। अन्य घायलों को उपचार हेतु आईटीबीपी के मिर्थी स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुल पशुहानि 160 हैं। साथ ही जनपद पिथौरागढ़ से 12 भवन आंशिक एवं 04 भवन पूर्ण क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है।
आपदा प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी आवास के लिए टैन्टों व खाद्यान सामग्री उपलब्ध करा दी गयी है। प्रभावित परिवारों को राहत शिविर में रखा गया है। तहसील डीडीहाट के बस्तड़ी ग्राम में स्कूल एवं पंचायतघर में 50 लोगों को ठहराया गया है। तहसील मुनस्यारी के ग्राम नौलाड़ा में जू0 हाईस्कूल में 25 लोगों को ठहराया गया है।
तहसील डीडीहाट के ग्राम मल्ला पत्थरकोट में प्राथमिक विद्यालय पत्थरकोट में 15 लोगों को ठहराया गया है। तहसील डीडीहाट के ग्राम सिंघाली में राजकीय इन्टर कालेज सिंघाली में 150 लोगों को ठहराया गया है। पिथौरागढ़ में जौलजीबी व बरम के बीच खनपेरा के पास नाले में उफान आने से 02 पुल एवं ग्रैफ का डिपो भी बह जाने की सूचना प्राप्त हुई हैै।
जनपद पिथौरागढ़ में राष्ट्रीय राजमार्ग एंव ग्रामीण मोटर मार्ग भूस्खलन/मलवा से गुलेणी, बन्दरलिमा व रणगांव के समीप अवरुद्ध है। थल-मुनस्यारी मार्ग भूस्खलन एवं मलवा आने से अवरुद्ध है। अवरूद्ध मार्गों को खोलने हेतु बीआरओ एवं जे.सी.बी. द्वारा कार्य किया जा रहा है। उपरोक्त सभी प्रभावित ग्रामों में विद्युत, दूरसंचार एवं जल आपूर्ति बाधित है, जिसे सुचारू किया जा रहा है।
खोज बचाव एवं राहत कार्य हेतु एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, एसएसबी, आसाम रेजीमेन्ट, आईटीबीपी, खोज एवं बचाव दल डीएमएमसी तथा पुलिस फोर्स एवं राजस्व विभाग की टीम द्वारा प्रभावित स्थलों में राहत बचाव का कार्य किया जा रहा है।
विगत दिन हुई अतिवृष्टि से जनपद चमोली के तहसील घाट एवं तहसील चमोली के ग्राम सिरजी, जाखण़ी, वादुक, गौली में अतिवृष्टि/भूस्खलन से 03 मानव हानि (2 सिरजी (सैंजी) व 1 वादुक गांव) एवं 06 लापता, 24 पशुहानि, (20 बड़े, 04 छोटे) 02 भवनों के क्षतिग्रस्त एवं 05 गौशालाओं के क्षतिग्रस्त होने की सूचना प्राप्त हुई है। खोज बचाव एवं राहत कार्य किया जा रहा है।
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग, परथादीप, मैठाणा एवं बाजपुर (कुहेड़) के पास मलवा आने से अवरूद्ध है। लोनिवि एवं ग्रैफ द्वारा राजमार्ग को खोलने का कार्य किया जा रहा है। अवरुद्ध 33 ग्रामीण मोटर मार्ग के खोलने की कार्यवाही गतिमान है।
मौसम विभाग द्वारा आज दोपहर 1ः00 बजे जारी पूर्वानुमान के अनुसार अगले 48 घण्टों में नैनीताल, उधमसिंह नगर, चम्पावत, अल्मोड़ा, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून व टिहरी जनपदों के कुछ स्थानों में भारी (65-116 मि.मी.) से बहुत भारी (116-204) वर्षा के साथ ही कहीं-कहीं अत्यधिक भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की गई है। साथ ही दोपहर 1.00 बजे से अगले 48 घण्टों में विशेषकर उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना व्यक्त की गयी।
आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा राज्य में सभी नागरिकों से सतर्क रहने का अनुरोध किया जा गया है तथा सभी जिलाधिकारियों द्वारा नदी के आस-पास संवेदनशील क्षेत्रों की बसावटों में एनाउन्समेंट के साथ-साथ सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।
उत्तराखंड
चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद
हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।
50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।
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