Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों का जलस्तर बढ़ा, नदी किनारे बसे लोग भयभीत

Published

on

अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों का जलस्तर, बारिश से बढ़ी दिक्कतें, आपदा की यादें ताजा

Loading

अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदियों का जलस्तर, बारिश से बढ़ी दिक्कतें, आपदा की यादें ताजा

rdp

लोगों को दी सतर्क रहने की हिदायत

रुद्रप्रयाग। 16-17 जून वर्ष 2013 को आई आपदा की यादें तब ताजा हो गई, जब शुक्रवार प्रातः अलकनंदा नदी उफान पर आ गई और आवासीय भवनों के नीचे तक पानी भर गया। अचानक बढ़े नदी के पानी को देखकर लोगों में अफरा-तफरी मच गई और नदी किनारे बसे लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे। एक बार दिन के समय अलकनंदा नदी का पानी कम हो गया था, लेकिन सांय चार बजे बाद फिर से नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि हो गई।

लगातार हो रही बारिश से बढ़ी दिक्कतें

वहीं केदारघाटी में लगातार हो रही बारिश के कारण मंदाकिनी नदी के जल स्तर में भी भारी वृद्धि हो गई है। केदारघाटी एवं जिला मुख्यालय में नदी किनारे बसे लोगों के लिये अलर्ट जारी किया गया है। यदि बारिश इसी प्रकार होती है और नदियों का जल स्तर बढ़ता है तो नदी किनारे बसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिये गये हैं।

लगातार हो रही बारिश के कारण अलकनंदा एवं मंदाकिनी नदी उफान पर आ गई हैं। दोनों नदियां खतरे के निशान पर बह रही हैं। जिस कारण नदी किनारे बसे लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। केदारघाटी और जिला मुख्यालय में नदी किनारे बसे लोगों के लिये हाई अलर्ट जारी किया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को हर समय सतर्क रहने के लिये कहा गया है। पुलिस एवं नगरपालिका बाजारों में मुनादी करके लोगों को सतर्क कर रही है।

जिला मुख्यालय में नगरपालिका के पुराने कार्यालय, हनुमान मंदिर, अलकनंदा बारात घर के साथ ही कई आवासीय घरों के निकट तक पानी घुस गया। जिससे प्रभावित डर गये। हालांकि बाद में नदी का जल स्तर कम हो गया, लेकिन फिर सांय के समय बारिश होने के कारण अलनंदा एवं मंदाकिनी नदी के जल स्तर में भारी वृद्धि होने लगी।

केदारघाटी में भी बारिश होने से आपदा प्रभावितों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। नदी किनारे बसे लोग डरे एवं सहमें हुये हैं। ट्रालियों से आवाजाही करने वाली आपदा पीड़ित जनता को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ट्रालियों में आवाजाही करते समय जनता की एक छोटी सी चूक उनकी जिंदगी लील सकती है। ट्राली में सुरक्षा के भी कोई इंतजाम नहीं किये गये हैं।

एक साथ चार से पांच लोग ट्राली से आवाजाही कर रहे हैं। कोतवाली प्रभारी दरवान सिंह पंवार ने बताया कि नदी किनारे बसे लोगों को सतर्क रहने के लिये कहा गया है। यदि नदियों का जल स्तर और अधिक बढ़ता है तो लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जायेगा।

 

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

Published

on

Loading

हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

Continue Reading

Trending