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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान में तालिबान ने 27 यात्रियों का अपहरण किया

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अफगानिस्तान में तालिबान ने 27 यात्रियों का अपहरण किया

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अफगानिस्तान में तालिबान ने 27 यात्रियों का अपहरण किया

काबुल|अफगानिस्तान के दक्षिणी हेलमंड प्रांत में तालिबान आतंकियों ने मंगलवार को तीन वाहनों को रोक कर कम से कम 27 यात्रियों का अपहरण कर लिया। समाचार एजेंसी के अनुसार, सुरक्षा सूत्रों ने कहा, “सशस्त्र आतंकियों ने गेरेश्क जिले में काबुल-हेरात राजमार्ग पर दो ट्रकों और एक लंबी दूर की बस को रोक लिया। उन्होंने कई यात्रियों को पकड़ लिया और पास के गांवों में ले गए।”

प्रांतीय पुलिस प्रमुख अका नूर केंटोज ने कहा कि उनके जवानों ने बंदियों का पता लगाने और उन्हें मुक्त कराने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया है।तालिबान के एक कथित प्रवक्ता कारी यूसुफ अहमदी ने कहा कि संगठन ने गेरेश्क जिले में पूछताछ के लिए 27 लोगों को पकड़ा है।
अप्रैल महीने के शुरू से ही अफगानिस्तान में तालिबान के नेतृत्व में आतंकवाद तेजी से बढ़ा है, जब देश के विभिन्न भागों में आतंकी संगठन ने वार्षिक आक्रामक विद्रोह शुरू किया।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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