Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

विनाशकारी कृषि नीतियों को पलटना होगा : पटनायक

Published

on

भारतीय कृषि गहरे संकट में, लाखों किसानों द्वारा कर्ज में फंसकर आत्महत्या, अर्थशास्त्री प्रो. प्रभात पटनायक, उप्र किसान सभा

Loading

भारतीय कृषि गहरे संकट में, लाखों किसानों द्वारा कर्ज में फंसकर आत्महत्या, अर्थशास्त्री प्रो. प्रभात पटनायक, उप्र किसान सभा

prabhat patnaik economist

लखनऊ। भारतीय कृषि गहरे संकट में फंसा दी गयी है। लाखों किसानों ने कर्ज में फंसकर आत्महत्या कर ली है। मोदी सरकार की दो वर्ष के दौरान किसानों द्वारा की जा रही इन आत्महत्याओं की दर में 26 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके लिए केन्द्र व राज्य सरकारों द्वारा लागू की जा रही कृषि नीतियां जिम्मेदार हैं। इन नीतियों को पलटकर ही देश की खेती और किसानों की हिफाजत की जा सकती है।उक्त विचार यहां प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रो. प्रभात पटनायक ने प्रकट किये। वह गांधी भवन प्रेक्षागृह में उप्र किसान सभा द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन कृषि में गहराते संकट को लेकर आयोजित किया गया था। जिसमें प्रदेश भर से लगभग 800 किसान प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

प्रो. पटनायक ने आजादी से पहले और आजादी के बाद अपनाई गयी कृषि नीतियों की किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों को आंकड़ों के द्वारा प्रस्तुत किया। हरित क्रान्ति के समय अपनायी गयी नीतियों से, जिसके तहत राज्य द्वारा खेती को समर्थन दिया गया था, कृषि उत्पादन में वृद्धि और किसानों की तरक्की दिखायी देती है। उन्होंने कहा कि उदारीकरण की नीतियों के लागू होने के बाद फिर कृषि सब्सिडी के खात्मे, फसलों की सरकारी खरीद की अवहेलना, सस्ते कृषि ऋणों में कमी तथा खेती में सरकारी निवेश को घटाने जैसी नीतियों के द्वारा खेती और किसानों को संकट में फंसा दिया गया।

पटनायक ने कहा कि पूंजीवाद का नियम है कि वह तमाम लघु उत्पादकों को तबाह करके अपनी तरक्की करता है। आज खेती में यही हो रहा है। उन्होंने उदारीकरण की नीतियों से देश को अलग करने पर जोर दिया तथा वैकल्पिक नीति बताते हुए कहा कि समूची जनता के लिए भोजन की गारंटी, रोजगार की गारंटी, स्वास्थ्य की गारंटी, शिक्षा की गारंटी तथा बुढ़ापे की सुरक्षा करनी होगी। यह सब करने में देश के सकल घरेलू उत्पाद का मात्र आठ फीसदी खर्च होगा। जिसे अमीरों पर टैक्स बढ़ाकर किया जा सकता है। देश को उदारीकरण से अलग कर खेती और किसानों को बचाने के लिए जरूरी है।

सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त मंत्री एनके शुक्ला ने कहा कि कृषि सब्सिडी खत्म करके कृषि लागत बढ़ायी जा रही है। फसलो के दाम नहीं दिये जा रहे हैं। खाद, बिजली, डीजल आदि कृषि में सप्लाई में होने वाले उपादान निजी क्षेत्र को सौंपे जा रहे हैं। फसलों की खरीद फरोख्त में मोदी सरकार 100 फीसदी एफडीआई को लाने का ऐलान कर चुकी है। जिसका विरोध करना होगा।

सम्मेलन का मुख्य प्रस्ताव उप्र किसानसभा के महामंत्री का. दीनानाथ सिंह ने पेश किया। जिसमें खेती में विदेशी कम्पनियों की घुसपैठ पर रोक लगाने, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू करने, कृषि सब्सिडी जारी रखने, फसलों की खरीद फरोख्त में 100 फीसद एफडीआई के फैसले को वापस लेने एवं सरकारी खरीद प्रणाली को कारगर बनाने, मनरेगा का विस्तार करने एवं मजदूरी बढ़ाने,समूची देहाती जनता को खाद्य सुरक्षा के दायरे में लाने, साम्प्रदायिक ताकतों पर अंकश लगाने आदि की सरकार से मांग की गयी।

प्रस्ताव में अगले दो माह में प्रदेश के अधिकांश गांवों में सभा करने उसके बाद क्षेत्रीय स्तर व जिला स्तर  बड़ी सभा करने व जत्थे निकालने व एक दिसम्बर को प्रदेश के समस्त जिलाधिकारी के कार्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश भर के किसान मजदूरों का आह्वान किया। बाद में प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। सम्मेलन की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष का. डी.पी. सिंह ने तथा संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष का. मुकुट सिंह ने किया।

प्रादेशिक

अहमदाबाद एयरपोर्ट से श्रीलंकाई मूल के चार ISIS आतंकी गिरफ्तार

Published

on

Loading

अहमदाबाद। गुजरात एटीएस ने आज अहमदाबाद एयरपोर्ट से चार आईएसआईएस आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक इन चारों लोगों को केंद्रीय एजेंसी के इनपुट के बाद उठाया गया है। एटीएस यह पता लगाने में जुट गई है कि इसका गुजरात या किसी अन्य राज्य में कोई कनेक्शन तो नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक, अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर काफी समय से सोने की तस्करी और अन्य चीजों की निगरानी एक केंद्रीय एजेंसी द्वारा की जा रही थी। उसी दौरान एक केंद्रीय एजेंसी ने गुजरात एटीएस के साथ कुछ इनपुट साझा किए थे। बाद में जब गुजरात एटीएस की टीम अहमदाबाद एयरपोर्ट पर विशेष निगरानी में थी तो एक संदिग्ध उनके रडार पर आ गया और उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।

इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक जिन चारों लोगों को हिरासत में लिया गया है। वे आतंकी संगठन आईएसआईएस के आतंकी हैं और लंबे समय से उस संगठन के साथ सक्रिय थे।

Continue Reading

Trending