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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के साथ संबंध सामान्य होने पर क्यूबा क्रिसमस

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हवाना| अमेरिका के साथ संबंध सामान्य बनाने की क्यूबा सरकार की सहमति के बाद देश में पहली बार क्रिसमस मनाया जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पिछले दिनों क्यूबा के साथ संबंध सामान्य बनाने की घोषणा की थी। दोनों देशों के कूटनीतिक संबंध 1961 से ही स्थगित थे।

ओबामा की इस घोषणा और इस पर क्यूबा सरकार की सहमति के बाद यहां क्रिसमस की पूर्व संध्या पर लोगों में क्रिसमस को लेकर उल्लास देखा गया।

हवाना के रहने वाले दयानी ने कहा, “देखते हैं, क्या होता है। हमें कुछ भी नया देखने को नहीं मिल रहा। हमें कोई जानकारी नहीं है। हमारे लिए चीजें पहले की तरह ही हैं।”

वहीं, सांता क्लाउज के परिधान में एक टैक्सी चालक योंड्री ने कहा कि अमेरिका के साथ संबंध सामान्य बनाने की खबर बहुत अच्छी है, लेकिन लोगों को इसके लिए इंतजार करना होगा कि इस नई परिस्थति में अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा और क्यूबा की सरकार की क्या योजना होगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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