उत्तराखंड
उत्तराखंड में डबल सवारी के लिए हेलमेट अनिवार्य
बच्चों को हेलमेट से छूट नहीं
देहरादून। उत्तराखंड में बाइक चलाने वाले के साथ ही पीछे बैठने वाली सवारी के लिए भी हेलमेट लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। शनिवार को तत्काल प्रभाव से शासन ने यह आदेश लागू कर दिया है। इसमें बड़े, बच्चों को भी हेलमेट से छूट नहीं दी गई है। सिर्फ दूध पीते बच्चे जो मां की गोद में बैठते हैं, उन्हें ही हेलमेट लगाने से छूट मिलेगी। साथ ही पगड़ीधारी सिखों को हेलमेट से छूट दी गई है। पिछली सवारी को हेलमेट पहनने की अनिवार्यता संबंधी यह आदेश राज्यपाल की मुहर लगने के बाद तत्काल प्रभाव से प्रदेश में लागू कर दिया गया है। दूसरी सवारी के हेलमेट नहीं लगाने पर वाहन का चालान कर दिया जाएगा। साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
हेलमेट नहीं पहनने पर होगा 100 रुपये जुर्माना
सचिव परिवहन सीएस नपल्च्याल ने बताया कि दोषी के खिलाफ उत्तराखंड मोटरयान (तृतीय संशोधन) नियमावली 2016 के तहत कार्रवाई की जाएगी। बाइक, स्कूटर, मोपेड सवार व्यक्ति और उसके पीछे बैठी सवारी जो हेलमेट पहनेगी उसके पीछे परावर्ती लाल रंग की तीन पट्टियां होनी जरूरी हैं। इन पट्टियों के चमकने से पीछे से आ रहा वाहन चालक इन्हें देख सके। इनका आकार दो सेंटीमीटर गुणा 15 सेंटीमीटर हो और क्षैतिज स्तर पर हेलमेट के पीछे चिपकी हों। सचिव परिवहन नपल्च्याल ने बताया कि कुछ लोग बच्चों को बाइक के आगे बैठा लेते हैं, वह तो हेलमेट पहने रहते हैं, लेकिन बच्चे का सिर खुला रहता है। इससे हादसे में उनकी जान का खतरा बना रहता है। हेलमेट पहनने से व्यक्ति का सिर सुरक्षित रहेगा और जान बच जाएगी। आदेश तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।
दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों में पहले लागू होगा प्लान
हेलमेट नहीं पहनेंगे, 100 रुपये का जुर्माना भुगत लेंगे। यही सोच शहर क्षेत्र में हेलमेट को अनिवार्य रुप से लागू करने में सबसे बड़ी रोड़ा रही है। जागरूकता, कार्रवाई और हादसों से भी एक बड़ा वर्ग सबक लेने को तैयार नहीं है। नियम तोड़कर जीवन को जोखिम में डालने से उन्हें कोई गुरेज नहीं है। ऐसे में वाहन चालक के साथ उसके साथी को भी हेलमेट को अनिवार्य करना पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। हादसों में अधिकांश लोगों की मौत की वजह सिर में गंभीर चोट बनती रही है। दून और देश के तमाम हिस्सों के आंकड़ों को आधार बनाकर पुलिस स्कूलों से लेकर बड़े प्रतिष्ठानों तक कई बरस से जागरूकता अभियान चलाती आ रही है।
ट्रैफिक पुलिस से सुधार नहीं हुआ तो सिटी पेट्रोल यूनिट गठित कर उनके अधिकार बढ़ाए गए। कार्रवाई में किसी तरह की कोई कसर बाकी नहीं रही, लेकिन अपेक्षा के अनुरूप सुधार नहीं हो पाया। खासतौर से बाहरी इलाकों के अलावा हाइवे पर हालात कंट्रोल में नहीं है। अधिकारी भी मानते है कि हेलमेट लागू करने के लिए कानून को और सख्त किए जाने की जरूरत है। शासन के डबल हेलमेट को लागू करने की चुनौती पुलिस के सामने रहेगी। यह स्थिति तब है, जब सरकार की नरमी की वजह से सात माह पहले भी पुलिस को मुंह की खानी पड़ी थी। सूबे के मुखिया के विरोध के चलते पुलिस को बैक फुट पर आना पड़ा था। बता दें पुलिस ने डबल हेलमेट प्लान लागू किया था, जो दो दिन भी नहीं चल पाया था। एसपी ट्रैफिक धीरेन्द्र गुंज्याल ने बताया कि शहर क्षेत्र में डबल हेलमेट प्लान को एक साथ लागू नहीं किया जाएगा। दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों में पहले इसकी शुरूआत होगी। खास तौर से बाहरी कॉलेजों में उसे लागू कराया जाएगा। चालान से पहले लोगों को जागरूक किया जाएगा कि हेलमेट बिना बाइक चलाना खतरे से भरा है।
उत्तराखंड
चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद
हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।
50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।
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