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आईपीएल : मैक्सवेल का अर्धशतक बेकार, पंजाब की एक और हार
कोलकाता| कोलकाता नाइट राइडर्स ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण में मंगलवार को रोमांचक मुकाबले में किंग्स इलेवन पंजाब को सात रनों से हरा दिया। ईडन गार्डन्स स्टेडियम में खेले गए लीग के 32वें मैच में कोलकाता ने पंजाब को 165 रनों का लक्ष्य दिया था जिसे वह हासिल नहीं कर पाई और पूरे 20 ओवर खेलने के बाद नौ विकेट खोकर 157 रन ही बना सकी।
पंजाब की तरफ से ग्लेन मैक्सवेल ने 42 गेंदों में चार छक्के और छह चौके लगाते हुए सबसे ज्यादा 68 रन बनाए। वह जब तक मैदान पर थे तब तक पंजाब की जीत तय लग रही थी, लेकिन उनके आउट होने के बाद कोलकाता ने ना सिर्फ मैच में वापसी की बल्कि जीत भी हासिल की।
कोलकाता की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज मैन ऑफ द मैच आंद्रे रसेल रहे। उन्होंने अपने चार ओवरों में महज 20 रन खर्च किए और चार विकेट भी लिए। उनके अलावा पीयूष चावला ने चार ओवरों में 27 रन देकर दो विकेट लिए।
कोलकाता ने रोबिन उथप्पा की 49 गेंदों में छह चौके और दो छक्के की मदद से खेली गई 70 रनों की पारी और कप्तान गौतम गंभीर की 45 गेंदों में छह चौके और एक छक्के की मदद से 54 रनों की अर्धशतकीय पारी की बदौलत 20 ओवर में तीन विकेट खोकर 164 रन बनाए थे। कोलकाता के तीनों विकेट रन आउट हुए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी पंजाब की शुरुआत बेहद खराब रही। टीम ने 13 रनों पर ही अपने तीन अहम बल्लेबाजों मार्कस स्टोइनिस (0), मनन वोहरा (0) और कप्तान मुरली विजय (6) को गंवा दिया।
इसके बाद रिद्धीमान साहा (24) और मैक्सवेल ने पारी को संभाला। दोनों ने संभल कर खेलते हुए 40 रन की साझेदारी कर टीम का स्कोर 53 तक पहुंचाया। इसी स्कोर पर साहा, चावला की फिरकी का शिकार हो कर पवेलियन लौट गए।
साहा के जाने के बाद मैक्सवेल ने अपना वही चिर परिचित अंदाज दिखाया जिसको देखने के लिए उनके प्रशंसक तरस रहे थे। उन्होंने साहा के जाने के बाद हर ओवर में चौके-छक्के लगाए और महज 29 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया। दूसरे छोर पर डेविड मिलर (13) उन्हें एक-एक रन लेकर स्ट्राइक दे रहे थे।
जब लग रहा था कि मैक्सवेल अपनी टीम को जीत दिला देंगें तभी वह चावला की गेंद पर रिवर्स स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में पगबाधा आउट हो गए। मैक्सवेल जब पवेलियन लौटे तब टीम का स्कोर 120 रन था और उसे 26 गेंदों में 45 रनों की जरूरत थी।
मैक्सवेल के जाने के बाद स्कोर बोर्ड में 10 रन ही जुड़े थे तभी मिलर भी पवेलियन लौट गए।
मिलर के जाने के बाद आए अक्षर पटेल (21) ने आते ही दो लगातार छक्के जड़े। टीम को अंतिम ओवर में 12 रनों की जरूरत थी। पहली गेंद पर पटेल ने एक रन लिया। ओवर की दूसरी गेंद को गुरकीरत सिंह मान ने गेंदबाज रसेल के हाथों में खेल दिया, पटेल क्रिज छोड़ चुके थे और दुर्भाग्यवश रसेल की थ्रो सीधे विकेटों पर जा लगी और पटेल के साथ-साथ पंजाब की जीत की उम्मीदें भी खत्म हो गईं। टीम सात रनों से मैच हार गई।
पटेल ने सात गेंदें खेलते हुए दो छक्के और एक चौका लगया।
इससे पहले टॉस हार कर बल्लेबाजी करने उतरी कोलकाता को गंभीर और उथप्पा ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 101 रनों की शतकीय साझेदारी की।
दोनों ने टीम की धिमी लेकिन सधी हुई शुरुआत दी। गंभीर और उथप्पा ने बिना कोई जोखिम लेते हुए पारी को आगे बढ़ाया। दोनों ने संयम से खेलते हुए स्ट्राइक रोटेट की और जब बुरी गेंद मिली तो उसको सीमा रेखा के पार भी पहुंचाया। पंजाब के गेंदबाजों की कसी गेंदबाजी ने भी इन दोनों को अपने हाथ खोलने के मौके नहीं दिए।
इस साझेदारी ने पारी के आठवें ओवर में टीम को 50 के स्कोर के पार पहुंचाया। इसके बाद दोनों बल्लेबाजों ने तेज खेलना शुरू किया और अगले पांच ओवर में टीम का स्कोर 100 के पार कर दिया।
गंभीर 14वें ओवर की तीसरी गेंद पर रन आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद आए यूसुफ पठान (नाबाद 19) ने उथप्पा का साथ दिया। उथप्पा तेजी से रन बना रहे थे, लेकिन वह 17वें ओवर में पठान के साथ हुई गलतफहमी का शिकार बने और 137 रनों के कुल स्कोर पर रनआउट होकर पवेलियन लौट गए।
अंतिम ओवरों में पठान ने आंद्रे रसेल (16) के साथ मिलकर तीसरे विकेट के लिए 3.1 ओवर में 27 रन जोड़ कर टीम को 164 के स्कोर तक पहुंचाया। पारी की अंतिम गेंद पर रसेल भी रन आउट हुए।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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