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खेल-कूद

लीग प्रारूप के बल पर देश खेल क्रांति की ओर 

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नई दिल्ली| करीब छह साल पहले शुरू हुए इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोड (बीसीसीआई) और भारत को विश्व क्रिकेट का सिरमौर बना दिया तो वहीं कई देशी और विदेशी खेल प्रशासकों को खेलों में अनोखे तथा नए प्रयोगों के लिए प्रेरित भी किया।

भारतीय खेल जगत के लिए वर्ष 2014 लीग प्रारूप को व्यापक तौर पर अपनाने और खेलों की नई अलख जगाने वाला साबित हुआ। बहरहाल, हम इस साल विभिन्न खेलों के तहत शुरू हुए नए लीग टूर्नामेंट्स के बारे में बात करेंगे।

फुटबाल से लेकर टेनिस और फिर कबड्डी तक के लीग टूर्नामेंट इस साल शुरू हुए, जिन्होंने सफलता का नया मानदंड स्थापित किया और देश के खेल प्रशंसकों ने उन्हें हाथों-हाथ लिया।

आईएसएल :

सबसे ज्यादा चर्चा इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने बटोरी। भारतीय फुटबाल वैश्विक स्तर पर भले ही काफी पीछ हो लेकिन फीफा सहित दुनिया के दिग्गज फुटबाल सितारे भी भारत को इस खेल का बड़ा बाजार बताने लगे हैं।

आईएसएल की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि टूर्नामेंट दर्शकों को फुटबाल स्टेडियम तक लाने में सफल रहा। टूर्नामेंट में कुल 61 मैच खेले गए और आईएसएल के आयोजकों के अनुसार इन मैचों को देखने 10 लाख से ज्यादा दर्शक स्टेडियम तक पहुंचे।

विश्व कप जीतने वाली इटली की राष्ट्रीय टीम के सदस्य रह चुके दिग्गज खिलाड़ी और आईएसएल में दिल्ली डायनामोज की ओर से खेलने वाले एलेसांद्रो डेल पिएरो ने भी माना कि आईएसएल एक सफल आयोजन रहा। पिएरो ने माना कि पहले संस्करण की शानदार लोकप्रियता देखकर वह खुद भी हैरान हैं।

स्टेडियम तक पहुंचने वाले दर्शकों की बात करें तो आईएसएल दुनिया के कुछ शीर्ष लीग टूर्नामेंट में शमिल हो चुका है।

आईपीटीएल :

टेनिस की बात करें तो देश में इस खेल से संबंधित दो टेनिस लीग शुरू हुए। महेश भूपति के प्रयास से शुरू हुआ इंटरनेशनल प्रीमियर टेनिस लीग (आईपीटीएल) टेनिस के किसी महोत्सव जैसा साबित हुआ, जिसमें दुनिया के लगभग सभी शीर्ष खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया।

आईपीटीएल को भारत के खेल इतिहास में इसलिए भी जाना जाएगा, क्योंकि इसने रोजर फेडरर, नोवाक जोकोविक जैसे सर्वोच्च खिलाड़ियों का भारत में पदार्पण करवाया। हालांकि मीडिया में छाया रहा यह टूर्नामेंट मंहगे टिकट के कारण अभी भी आम लोगों से दूर ही रहा।

उल्लेखनीय है कि दिल्ली में होने वाले मैचों से पहले आयोजकों की ओर से यह दावा किया गया कि सभी टिकट बिक चुके हैं लेकिन बाद में नजारा थोड़ा उलट दिखा। ऊंचे दामों के बावजूद हालांकि बड़े टेनिस सितारों को देखने के लिए अच्छी-खासी संख्या में दर्शक इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम पहुंचे।

सीटीएल :

दूसरी ओर, पूर्व दिग्गज भारतीय खिलाड़ी विजय अमृतराज की पहल पर शुरू हुआ चैम्पियंस टेनिस लीग (सीटीएल) लोकप्रियता के मामले में जरूर पीछे छूट गया।

प्रो कबड्डी लीग :

कबड्डी के क्षेत्र में लीग प्रारूप के दो बड़े टूर्नामेंट शुरू हुए, प्रो-कबड्डी लीग और विश्व कबड्डी लीग। दोनों टूर्नामेंट को दुनिया भर से 1.8 करोड़ टीवी दर्शक भी मिले।

प्रो कबड्डी लीग में अभिषेक बच्चन, रॉनी स्क्रूवाला और महानायक अमिताभ बच्चन की उपस्थिति ने इस देशी खेल को प्राइम टाइम का लोकप्रिय इवेंट बना दिया और दर्शकों ने जिस तरह इसे प्रतिक्रिया दी वह अभूतपूर्व थी।

एक वर्ष पूर्व शुरू हुआ बैडमिंटन का लीग टूर्नामेंट ‘इंडियन बैडमिंटन लीग’ (आईबीएल) व्यस्त अंतर्राष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों के कारण इस वर्ष आयोजित नहीं हो सका, लेकिन लीग आधार पर होने वाली इन प्रतियोगिताओं को जहां खेल प्रेमियों का अपार समर्थन मिला, वहीं देश की युवा खेल प्रतिभाओं को विदेशी खिलाड़ियों के साथ खेलने, अपने प्रदर्शन में सुधार और अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने के लिए बेहतर मंच भी प्रदान किया है।

खेल-कूद

NADA ने रेसलर बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए किया निलंबित, ये है वजह

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पहलवान बजरंग पुनिया को अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया। इस कार्रवाई से बजरंग के पेरिस ओलंपिक में खेलने के सपने पर संकट के बादल छाए हैं। जानकारी के अनुसार बजरंग पुनिया 10 मार्च को सोनीपत में हुए चयन ट्रायल के लिए अपना सैंपल देने में विफल रहे, जिसके बाद नाडा ने उन्हें भविष्य के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने से निलंबित करने का आदेश जारी किया।

भाजपा के पूर्व सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वालों में पुनिया, ओलंपियन साक्षी मलिक और विनेश सहित अन्य शीर्ष पहलवानों की कतार में सबसे आगे थे। निलंबन के बाद टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाने वाले पुनिया को इस महीने के अंत में होने वाले चयन ट्रायल में भाग लेने से रोक दिए जाने की संभावना है। 65 किग्रा वर्ग में अभी तक किसी भी भारतीय ने ओलंपिक कोटा नहीं जीता है।

निलंबन पत्र वर्ल्ड यूनाइटेड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) द्वारा मान्यता प्राप्त भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की भंग हो चुकी तदर्थ समिति को भेजा गया था। वहीं, बजरंग ने कुछ महीने पहले एक वीडियो जारी कर डोप कलेक्शन किट के एक्पायर होने का आरोप लगाया था। उन्होंने डोप नियंत्रण अधिकारी के निर्देश की अवहेलना की और दावा किया कि नाडा अधिकारियों ने अभी तक उनकी चिंताओं का समाधान नहीं किया है।

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