मुख्य समाचार
केजरीवाल की टिप्पणी से उनकी अज्ञानता उजागर : अकबर
नई दिल्ली| भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार को पठानकोट आतंकवादी हमले की जांच के लिए पाकिस्तानी टीम को देश में आने की इजाजत देने पर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार की निंदा कर चुके दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके बयानों से उनकी अज्ञानता का पता चलता है। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के वरिष्ठ नेता एम.जे. अकबर ने कहा, “केजरीवाल ने अपनी जानकारी की कमी, विदेश नीति की बारीकियों और एक ऐसे पड़ोसी देश के साथ संबंधों को लेकर अपनी अज्ञानता का परिचय दे दिया है, जिसके साथ हमारा एक पेंचीदा इतिहास रहा है।” आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल ने मंगलवार सुबह ट्विटर पर हिंदी में कई ट्वीट लिखे, जिनमें से एक में उन्होंने लिखा, “भाजपा/आरएसएस भले ‘भारत माता की जय’ बोलते और बुलवाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने आईएसआई को भारत में आमंत्रित कर भारत माता की पीठ में छुरा घोंपा है।”
उल्लेखनीय है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने आईएसआई अधिकारियों की मौजूदगी वाली पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) को भारत आकर पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले की जांच करने की इजाजत दी थी। जेआईटी पिछले माह भारत आई थी। पाकिस्तान की मीडिया रपट में कहा गया है कि जेआईटी जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि दो जनवरी को हुए पठानकोट आतंकवादी हमले को खुद भारत ने ही अंजाम दिया था और उसने ऐसा ‘पाकिस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार’ करने के लिए किया। केजरीवाल ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “यह बहुत ही शर्मनाक है। पहली बार भारत के किसी प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के हाथों अपने देश का अपमान कराया है।” आप जांच में पाकिस्तान की जेआईटी की भूमिका का इस आधार पर विरोध कर रही है कि आईएसआई एक स्टेट एक्टर(राजकीय संस्था) है, जो भारत में अर्से से आतंकवाद को भड़का रहा है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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