प्रादेशिक
सोशल मीडिया में छाया ‘शक्तिमान’
देहरादून। भाजपा के विधानसभा पर प्रदर्शन के दौरान चोटिल हुआ घोड़ा शक्तिमान सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। सोशल मीडिया पर इस विवाद में घिरे विधायक गणेश जोशी जहां खलनायक की भूमिका में उभरें हैं तो वहीं शक्तिमान घोड़ा महाराजा राणाप्रताप के घोड़े चेतक के समान प्रसिद्ध हो गया है। सोशल मीडिया में पिछले पांच दिनों से लगातार कंपैन चल रहा है। शक्तिमान के पैर की हड्डी टूटने का बहुचर्चित प्रकरण वीडियो वार में फंसा है। पुलिस जहां कानूनी शिकंजा कसने के लिए उसमें साक्ष्य ढूंढ रही है तो दूसरी ओर भाजपा अपने हिसाब से उसमें बचाव का रास्ता तलाश कर रही है।
एक-एक कर कई कैमरों के फुटेज सामने आ गए हैं, जिन्हें लेकर सड़क से लेकर विधानसभा तक घमासान है। राजनीतिज्ञ हो या अफसर या फिर सरकार के मंत्री हर कोई वीडियो फुटेज में उलझा है। शह और मात के खेल में जीत किसकी होगी, यह देखना दिलचस्प रहेगा। भाजपाइयों के प्रदर्शन को तीसरी आंख में कैद करने के लिए बन्नू स्कूल से लेकर रिस्पना पुल तक पूरे इंतजाम थे। खासतौर से रिस्पना पुल से पहले बनाए बैरियरों पर आठ से लेकर दस कैमरे लगे थे। बैरियर को ध्वस्त कर भाजपाई रिस्पना पुल की तरफ पहुंच जाएंगे, इस बात की आशंका पुलिस को कम ही थी। मीडिया की निगाहें भी मेन बैरियर पर टिकी थी।
कई विधायकों के अलावा युवा कार्यकर्ताओं के बैरियर पार कर लिए जाने के पुलिस रणनीति फेल हो गई। भाजपाइयों को रोकने को धक्का-मुक्की में बहुत कुछ होता चला गया। दुखद पहलू यह रहा कि बेजुबान शक्तिमान को अपने पैर की हड्डी गंवानी पड़ी। उस समय वहां सिर्फ दो सरकारी कैमरे थे, जबकि अन्य प्राइवेट थे। कुछ ने तो अपने-अपने मोबाइल के जरिए पूरा घटनाक्रम कैद कर लिया। विधायक गणेश जोशी के अलावा अन्य भाजपाइयों के खिलाफ मुकदमे हुए तो वीडियो वार शुरू हो गया। जिस वीडियो के आधार पर जोशी नामजद हुए तो भाजपा की तरफ से दूसरा वीडियो जारी कर दिया गया, जिसमें भाजपा कार्यकर्ताओं की खींचतान में शक्तिमान का पैर लोहे की पाइप में फंसने और गिरने का फुटेज दिख रहा है।
पुलिस और भाजपाइयों में वीडियो फुटेज जुटाने की होड़ मची है, ताकि अपने-अपने पक्ष को मजबूत किया जा सके। बाकायदा उसको लेकर कानूनी राय मशविरा भी दोनों स्तरों से हो रहा है। इस वीडियो वार का नतीजा तो अभी भविष्य के गर्भ में है, लेकिन पुलिस और भाजपा के सामने सही और गलत साबित करने की चुनौती बरकरार है। बैरियर के पार वैसे तो सीसीटीवी कैमरा भी लगा था, लेकिन पूरा घटनाक्रम उसके फोकस से दूर था। घटना के बाद उसे खंगाला गया तो उसमें वो फुटेज नहीं मिली, जिसकी पुलिस को तलाश थी।
प्रादेशिक
मध्य प्रदेश: भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष जेपी किरार की सड़क हादसे में मौत
रायसेन। मध्य प्रदेश में रायसेन जिले के भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष जयप्रकाश किरार की सड़क हादसे में मौत हो गई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जयप्रकाश किरार शनिवार-रविवार की दरमियानी रात अपने साथियों के साथ उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन कर रायसेन लौट रहे थे।
रायसेन के करीब सांची रोड पर ग्राम खानपुरा में उनकी कार का टायर पंचर हो गया था। जब वह इसे बदल रहे थे, तभी एक ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी।
इस हादसे में किरार गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जयप्रकाश किरार भाजपा के जिला अध्यक्ष रह चुके थे। वे मूल रूप से विदिशा के निवासी हैं। उनकी पत्नी भी अनीती किरार भी जिला पंचायत अध्यक्ष रही हैं।
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