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श्री श्री को एनजीटी से राहत, जुर्माना जमा करने को मिला समय

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श्री श्री रविशंकर, आर्ट ऑफ लिविंग, विश्व सांस्कृतिक महोत्सव

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श्री श्री रविशंकर, एनजीटी से राहत, 5 करोड़ का जुर्माना, आर्ट ऑफ लिविंग, विश्व सांस्कृतिक महोत्सव

नई दिल्ली।  यमुना किनारे विश्‍व सांस्कृतिक महोत्सव को लेकर 5 करोड़ के जुर्माने के मामले में श्री श्री रविशंकर को एनजीटी से शुक्रवार को कुछ राहत मिली। एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग को आज 25 लाख रुपये जमा कराने को कहा और बाकी के रुपए अगले तीन सप्ताह के अंदर जमा कराने का निर्देश दिया। साथ ही एनटीजी ने कहा कि यह जुर्माना नहीं, बल्कि पर्यावरण क्षतिपूर्ति है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 4 अप्रैल हो होगी। आर्ट ऑफ लिविंग (AOL) 5 करोड़ हर्जाना नहीं चुका पाने के मामले में एनजीटी पहुंची थी। उसने कहा था कि इतनी बड़ी राशि इतने कम समय में नहीं चुका सकते, कम से कम चार हफ्ते का समय दिया जाए। वहीं, विश्व सांस्कृतिक महोत्सव के आयोजन पर रोक लगाने की मांग वाली पर्यावरणविदों की याचिका पर भी एनजीटी आज सुनवाई करेगा।

आज जमा करेंगे 25 लाख

श्री श्री रविशंकर के इस भव्य कार्यक्रम का आज भव्य शुभारंभ होना है, जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी और उनके कैबिनेट के कई मंत्री शामिल हैं। कार्यक्रम की सुरक्षा के कडे़ बंदोबस्त किए गए हैं। गौरतलब है कि बुधवार को एनजीटी ने तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम को हरी झंडी देते हुये पर्यावरण मुआवजे के रूप में एओएल पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। इस पर रविशंकर ने गुरुवार को विद्रोही रूख अख्तियार करते हुये कहा कि उनके संस्थान पर पर्यावरण उल्लंघन के लिए जो जुर्माना लगाया है, उसे चुकाने की बजाय वह जेल जाना पसंद करेंगे। रविशंकर ने कहा, हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। हम निष्कलंक हैं और ऐसे ही रहेंगे। हम जेल चले जांएगे लेकिन जुर्माना नहीं चुकाएंगे। उन्होंने इस बात का भी खंडन किया था कि समारोह स्थल पर किसी पेड़ को नहीं गिराया गया और दावा किया कि पेड़ों की केवल छंटाई की गयी है और उन्होंने खादर को समतल किया है।

नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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