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ट्रूडो का व्हाइट हाउस में स्वागत, जलवायु परिवर्तन में सहयोग पर जोर

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ट्रूडो का व्हाइट हाउस में स्वागत, जलवायु परिवर्तन में सहयोग पर जोर

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ट्रूडो का व्हाइट हाउस में स्वागत, जलवायु परिवर्तन में सहयोग पर जोर

वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का व्हाइट हाउस में स्वागत किया। इस दौरे के दौरान दोनों देशों का जलवायु परिवर्तन पर सहयोग को बढ़ावा देने और व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर है।

व्हाइट हाउस की ओर से एक बयान में कहा गया कि अमेरिका व कनाडा पिछले साल पेरिस में हुए जलवायु परिवर्तन समझौते को लागू करने की दिशा में मिलकर काम करेंगे। दोनों देश जल्द से जल्द समझौते में शामिल होने और इस पर हस्ताक्षर करने को वचनबद्ध हैं।

जलवायु परिवर्तन संबंधित प्रतिबद्धताओं को हासिल करने की एक कोशिश के तहत दोनों देशों ने 2050 तक तेल व गैस सेक्टर से मीथेन गैस के उत्सर्जन को कम करने का संकल्प लिया है।

ओबामा ने व्हाइट हाउस में ट्रूडो की मौजूदगी में एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, “दोनों देश सागरों के उफनने, हिम खंडों के पिघलने, ग्लेशियर और समुद्री बर्फ के धीरे-धीरे लुप्त होने से घबराए हुए हैं।”

उन्होंने कहा, “हम पेरिस समझौते को पूरी तरह लागू कराने पर ध्यान दे रहे हैं। हम स्वच्छ ऊर्जा अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में हमारे निवेश को दोगुना करने पर काम कर रहे हैं।”

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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