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उत्तर प्रदेश

लखनऊ: 90 साल की बुजुर्ग महिला की गला काटकर हत्या, चार बेटे हैं पर रहती थीं अकेली

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90 year old woman murdered by slitting her throat at home in Lucknow

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लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में 90 साल की बुजुर्ग महिला की हत्या से सनसनी फैल गई। बुजुर्ग घर में अकेली रहती थी। महिला की गर्दन दो जगह से रेती गई थी। मौके से चाकू आदि कोई भी हथियार बरामद नहीं हुआ। यह सनसनीखेज वारदात लखनऊ के त्रिवेणीनगर के योगीनगर इलाके से सामने आई है। यहां रविवार को घर में घुसकर फोरेंसिक लैब के रिटायर्ड डिप्टी डायरेक्टर मुकेश चंद्र शर्मा की 90 वर्षीय मां स्नेहलता की गला रेतकर हत्या कर दी गई।

वह घर पर अकेली रहती थीं। घटनास्थल से लूट के कोई सबूत पुलिस को नहीं मिले। पुलिस का मानना है कि वारदात करने वाले का इरादा स्नेहलता को मारना था। अब तक की तफ्तीश में जो कुछ सामने आया है उससे पुलिस का मानना है कि वारदात में कोई करीबी शामिल है।

मुकेश चंद्र शर्मा स्नेहलता के तीसरे नंबर के बेटे हैं। वह जानकीपुरम में रहते हैं। वही उनकी देखरेख करने आते-जाते रहते थे। नवरात्र के पहले दिन रविवार को भी मुकेश सुबह करीब 11 बजे मां को फल आदि देने गए थे। करीब एक घंटे तक वहां रुकने के बाद वह वापस चले गए।

रात करीब पौने आठ बजे स्नेहलता की लुधियाना निवासी पोती ने उनके पड़ोसी देवेंद्र को फोन किया। उसने बताया कि वह काफी वक्त से दादी को कॉल कर रही हैं, लेकिन रिसीव नहीं हो रही है। इस पर देवेंद्र अपनी छत से कूदकर स्नेहलता के मकान की छत पर गए।

जाल से जब नीचे झांक कर देखा तो स्नेहलता आंगन में खून से लथपथ पड़ी दिखीं। पड़ोसियों की सूचना पर उनके बेटे व अन्य परिजन पहुंचे। इसके बाद पुलिस को जानकारी दी गई। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाल रही है।

घर का सारा सामान व्यवस्थित मिला

जब पुलिस व परिजन पहुंचे तो घर का दरवाजा खुला था। फोरेंसिक टीम ने भी जांच पड़ताल की। डीसीपी नॉर्थ एसएम कासिम ने बताया कि अब तक की जांच में एक बात तो साफ है कि लूट नहीं हुई है। पूरा सामान व्यवस्थित रखा है। बेटे मुकेश ने भी बताया है कि कुछ भी गायब नहीं है। मतलब वारदात करने वाले का मकसद सिर्फ स्नेहलता को मारना था।

बिना तस्दीक नहीं खोलती थीं दरवाजा

मकान के मुख्य गेट पर एक तरह से दो दरवाजे लगे हैं। पहला सामान्य, दूसरा लोहे का जाली वाला दरवाजा लगा है। सुरक्षा की नजरिये से ये दरवाजे लगाए गए हैं। मुकेश ने बताया कि उनकी मां कभी भी किसी के आवाज लगाने पर दरवाजा नहीं खोलती थीं। पहले उनको कॉल करना पड़ता था। तब वह बाहर आती थीं। तस्दीक कर लेती थीं कि आने वाला रिश्तेदार या परिचित है, तभी दरवाजा खोलती थीं। दरवाजा जबरन खुलवाए जाने के साक्ष्य नहीं मिले हैं, इसलिए किसी करीबी पर शक है।

हत्या की वजह तलाश रही पुलिस

पुलिस सूत्रों के मुताबिक कुछ ऐसे सुबूत सामने आए हैं, उससे अंदेशा है कि बुजुर्ग के पोते मानस ने वारदात को अंजाम दिया है लेकिन, पूछताछ में वह बातों को घुमाता रहा। यहां तक कि उसका व्यवहार ऐसा था जैसे वह साइको टाइप हो। डीसीपी ने बताया कि गहनता से तफ्तीश की जा रही है। पुलिस को आशंका है कि अचानक हुए विवाद की वजह से घटना हुई है। या संपत्ति आदि का कोई विवाद है। सभी पहलुओ पर जांच जारी है।

दो जगह से रेती गर्दन

स्नेहलता की गर्दन दो जगह बाएं व दायीं तरफ से रेती गई थी। मौके से चाकू आदि कोई भी हथियार बरामद नहीं हुआ। आशंका है कि वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी ही हथियार लेकर फरार हो गया।

उत्तर प्रदेश

दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, परिवार संग किए रामलला के दर्शन

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नई दिल्ली। दो दिवसीय दौरे पर अयोध्या पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को अपने परिवार के साथ रामलला के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व राष्ट्रपति मंदिर परिसर में करीब डेढ़ घंटे तक रहे। उन्होंने राम मंदिर निर्माण सहित पूरे परिसर को देखा। इस दो दिवसीय यात्रा में करीब 80 लोगों को समूह उनके साथ है।

उनकी अगवानी के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय पहले से मंदिर परिसर में थे। पूर्व राष्ट्रपति रामलला के दर्शन-पूजन के बाद कुबेर टीला भी गये और पक्षिराज जटायु की विशाल प्रतिमा के समक्ष श्रद्धापूर्वक नतमस्तक हुए। पूर्व राष्ट्रपति कोविंद शुक्रवार दोपहर बाद ही परिवारजनों के साथ रामनगरी पहुंच गए थे। पहले से निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वह वंदे भारत ट्रेन से परिवार समेत अयोध्या पहुंचे। अयोध्या कैंट रेलवे स्टेशन से सभी जैन मंदिर पहुंचे। इसके बाद पूरे परिवार के साथ पूर्व राष्ट्रपति मां सरयू के तट पर दर्शन-पूजन के लिए पहुंचे। उन्होंने सरयू की आरती उतारी। फिर हनुमान जी के दरबार पहुंचकर दर्शन किये।

पत्रकारों से बातचीत में पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि सरयू आरती में भाग लेना अपने आप में एक दिव्य अनुभूति है। ऐसा लगता है कि हम 500 वर्ष पूर्व के कालखंड में पहुंच गये हैं। सरयू की कृपा और बहुत सारे कारणों से राम मंदिर का निर्माण संभव हो सका है। जैन मंदिर के व्यवस्थापक विजय कुमार जैन ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति की यह पूर्ण रूप से धार्मिक यात्रा है।

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