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अन्तर्राष्ट्रीय

जापान में 7.3 तीव्रता का भूकंप, 11 मरे

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जापान में 7.3 तीव्रता का भूकंप, 11 मरे

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जापान में 7.3 तीव्रता का भूकंप, 11 मरे

टोक्यो| दक्षिण-पश्चिम जापान के क्यूशु क्षेत्र में शुक्रवार देर रात आए रिक्टर पैमाने पर  के शक्तिशाली भूकंप में 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 880 से अधिक घायल हो गए। जापान के राष्ट्रीय प्रसारक एनएचके ने मौसम एजेंसी के हवाले से बताया कि भूकंप स्थानीय समयानुसार शुक्रवार रात 1.25 बजे आया।

समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के कारण मिनामिआसो गांव में भूस्खलन भी हुआ। अशो शहर में कई मकान ध्वस्त हो गए, जबकि सड़कों पर मलबे इकट्ठे हो गए। भारी नुकसान के कारण कुमामोतो शहर की ओर जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया गया।

जापान सरकार के प्रवक्ता योशिहिदे सुगा ने बताया कि आपदा राहत अभियान में मदद देने के लिए करीब 20,000 स्वयं-रक्षा बलों को तैनात किया गया है। कंप के बाद मौसम विभाग ने अराके तथा यासुशिरो सीज जैसे तटीय इलाकों के लिए सुनामी की चेतावनी जारी की थी, जिसे 50 मिनट बाद ही हटा लिया गया।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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