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पंजाब में 518 युवाओं को मिलेगी सरकारी नौकरी, सीएम भगवंत मान सौपेंगे नियुक्ति पत्र

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चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान आज 518 युवाओं को सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति पत्र सौपेंगे। इस बाबत जानकारी उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर शेयर की है। सीएम ने इस अवसर पर शामिल होने के लिए सभी बधाई दी। उन्होंने कहा कि आज मैं 518 युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंप कर अपना वादा और कर्तव्य पूरा करुंगा।

सीएम ने बताया कि 518 नियुक्ति पत्र में स्कूली शिक्षा में 330, हायर एजुकेशन में 51, वित्त में 75, जीएडी में 38, कॉर्पोरेशन में 18 और पावर विभाग में 6 युवाओं को सरकारी नौकरियों के नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। नियुक्ति पत्र सौंपने का कार्यक्रम चंडीगढ़ सेक्टर-35 निकाय भवन में होगा।

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नेशनल

कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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