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मुख्य समाचार

400 से 40 पर सिमटे ‘हवालाबाजों’ ने विकास में बाधा डाली : मोदी

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भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा उन्हें ‘हवाबाज’ कहे जाने पर पलटवार करते हुए कहा कि हवालाबाजों की जमात ने लोकतंत्र में रुकावट डालने की कोशिश की है। वे देश के विकास में बाधा डाल रहे हैं।

मोदी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को तीन दिवसीय 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने उद्घाटन से पूर्व स्टेट हेंगर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। उन्होंने संसद का मानसून सत्र नहीं चलने देने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। हालांकि उन्होंने इस क्रम में पार्टी का नाम नहीं किया। उन्होंने कहा, “लगभग सभी दल इस बात से सहमत थे कि संसद की कार्यवाही चलनी चाहिए, लेकिन एक दल है कि मानता ही नहीं है।”

उन्होंने कहा, “हमने सत्रावसान इसलिए नहीं किया था, क्योंकि हमें लगता था कि वे मान जाएंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।” मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उसके द्वारा सदन न चलने देने की वजह बताते हुए कहा, “संसद एक के बाद एक महत्वपूर्ण फैसले ले रही थी। कालेधन का काठोर कानून बनाने से हवालाबाज परेशान थे और उनके पैरों के नीचे की जमीन खिसक रही थी, उन पर संकट मंडरा रहा था। इसी के चलते हवालाबाजों की जमात ने लोकतंत्र में रुकावट पैदा करने की कोशिश की।”

प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह लोकतंत्र की मर्यादा का पालन करते हुए जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “देश के बड़े अर्थशास्त्री कहते हैं कि ऐसा काम करें, जिससे बड़ा धमाका हो, लेकिन मेरा स्वभाव ऐसा नहीं है। हमें हर घर को गैस सिलेंडर देना है, इसलिए उसे जनधन योजना एवं आधार कार्ड से जोड़ा गया है, ऐसा होने से सब्सिडी की राशि दलालों को नहीं मिल पा रही है। अब 19 हजार करोड़ रुपये सरकार की तिजोरी में जाएंगे। अब यही हवालाबाज लोग हमारा हिसाब मांग रहे हैं।”

इस दौरान मोदी ने कांग्रेस को जनादेश का सम्मान करने की भी नसीहत दी और कहा, “लोकतंत्र में राजनीतिक दल की कसौटी चुनाव होते हैं। कभी संसद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दो सांसद होते थे। तब संसद में हमारा मजाक उड़ाया जाता था। लेकिन अब हमारा मजाक उड़ाने वाला दल 400 से 40 पर सिमट गया है।”

इससे पहले, मोदी सुबह 9.30 बजे वायु सेना के विशेष विमान से भोपाल पहुंचे। स्टेट हेंगर पर भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद वह विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन करने माखनलाल चतुर्वेदी नगर पहुंचे और फिर दोपहर 12 बजे नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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