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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना ने अमेरिका में तेज की रफ्तार, 24 घंटे में 2 हजार से ज्यादा मौत

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नई दिल्ली। अमेरिका में कोरोना वायरस ने तबाही की रफ्तार और तेज कर दी है। बीते दिन यहां 2 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार अमेरिका में पिछले 24 घंटों में 2108 लोगों ने इस वायरस की वजह से दम तोड़ दिया।

इतनी ज्यादा मौतों के बाद अमेरिका अब दुनिया का एक मात्र ऐसा देश बन गया है जहां एक दिन के अंदर दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ये आंकड़े कोरोना वायरस के संक्रमण पर नजर रखने वाली संस्था जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने जारी किए हैं।

गुरुवार को अमेरिका में लगभग 1700 लोगों की मौत हुई थी। शुक्रवार को दुनिया भर में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या एक लाख पार कर गई है जबकि दुनिया भर में संक्रमितों की संख्या 17 लाख के आस पास पहुंच गई है।

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कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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