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इस शख्स के बनाए ऐप ने कर दिया फेसबुक का खरबों का नुकसान

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इस शख्स के बनाए ऐप ने कर दिया फेसबुक का खरबों का नुकसान

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आपने इन 4-5 दिनों में फेसबुक डाटा लीक के बारे में कई बार सुना होगा। आपने यह जरुर पढ़ा होगा कि कैम्ब्रिज एनालिटिका ने गलत तरीके से 5 करोड़ फेसबुक अकाउंट की व्यक्तिगत जानकारी चुराई है।

लेकिन यह खुलासा कैसे हुआ, किसने किया, यह शायद आपको नहीं पता होगा। आज हम आपको उस शख्स के बारे में बताने जा रहें हैं जिसके बनाए ऐप से फेसबुक खरबों के नुकसान में आ गया। इस ऐप से ही लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई थी। अब तक फेसबुक के 14 प्रतिशत से ज्यादा के शेयर गिर चुके हैं। इस खुलासे के बाद फेसबुक के प्रमुख मार्क जकरबर्ग ने माफी तो मांग ली लेकिन कंपनी को खरबों के नुकसान से नहीं बचा सकें।

इस शख्स के बनाए ऐप ने कर दिया फेसबुक का खरबों का नुकसान

दरअसल, एक एप की मदद से ये सारी जानकारियां बटोरी गईं। अब सवाल है कि ये एप है किसने बनाया। एक रिसर्चर एलेक्जेंडर कोगन ने इस एप को विकसित किया था। फेसबुक ने स्वयं ये जानकारी दी है। कोगन ने ये एप कानूनी रूप से बनाया था।

इसमें नियमों का पालन किया गया। गलती ये हुई कि फेसबुक की नीति के विपरीत इसे कैम्ब्रिज एनालिटिका को दे दिया गया। कैम्ब्रिज एनालेटिका ने इससे भी बड़ी गलती की कि इसे राजनीति के लिए उपयोग में लेना शुरू कर दिया।

सोशल नेटवर्क में यह माना जा रहा है कि ये डेटा डिलीट कर दिया गया है, या नष्ट कर दिया है, लेकिन टाइम का कहना है कि उसने इस डेटा कि कई सैट देखे हैं। इसलिए अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ये डेटा डिलीट हुआ है या नहीं। इन सारी बातों का खामियाजा स्वाभाविक रूप से फेसबुक को भुगतना पड़ा।

उसके शेयरों के दाम में भी गिरावट आ गई। अमेरिका और ब्रिटेन में कैम्ब्रिज एनालेटिका ने काम किया है। यहां के तमाम सांसदों ने कहा है कि मार्क जकरबर्ग सुनिश्चित करें कि कि ये गड़बड़ी अब नहीं होगी। यह सब तब हो रहा है, जब इस घटना के पहले से ही अमेरिका और कनाडा में पहली बार फेसबुक के डेली यूजर घट रहे हैं।

2017 के अंतिम तीन माह में एक्टिव यूजर 18 करोड़ पचास लाख से घटकर 18 करोड़ 40 लाख ही रह गए हैं। जकरबर्ग कह रहे हैं कि डेटा को संरक्षित रखना उनकी जवाबदारी है, लेकिन राजनीतिक दलों ने लोगों द्वारा जाहिर अभिव्यक्तियों का इस्तेमाल अपने पक्ष में कर लिया है।

यह ऐसा दौर है, जब हम क्या खा रहे हैं, क्या पी रहे हैं, क्या आदतें हैं, किससे संपर्क करते हैं, कहां जा रहे हैं, तमाम छोटी-छोटी जानकारियां किसी अपने से नहीं वरन् फेसबुक, गूगल और अमेजन से कहते हैं। भविष्य में ऐसी गलती दोहराई जाएगी या नहीं, इस बात का कोई जवाब नहीं है।

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इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक पीएम मोदी ने जताया शोक, कहा- दुःख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन पर शोक जताया है। इब्राहिम रईसी की रविवार को को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, इस्लामी गणतंत्र ईरान के राष्ट्रपति डॉ. सैयद इब्राहिम रायसी के निधन से मुझे गहरा दुख और सदमा लगा है। भारत-ईरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदना है। दुख की इस घड़ी में भारत ईरान के साथ खड़ा है।

बता दें कि अजरबैजान के घने और पहाड़ी इलाके में रविवार को राष्ट्रपति का विमान क्रैश हो गया था। इसके बाद ईरान की सेना ने हेलीकॉप्टर की तलाश में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें विमान का मलबा मिल गया। हालांकि, दुर्घटनास्थल पर जीवन के कोई संकेत नहीं मिले हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद राष्ट्रपति रईसी के जीवित होने की उम्मीदें न के बराबर हैं।

बता दें कि अजरबैजान के जंगल में खराब मौसम की वजह से इब्राहिम रईसी के विमान की आपात लैंडिंग कराई गई थी, जिससे हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। कई घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद ईरान की जांच एजेंसियों को विमान का मलबा मिला। इसके बाद ईरानी मीडिया ने हेलीकॉप्टर हादसे में राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत की पुष्टि की। ईरानी रेड क्रिसेंट प्रमुख ने बताया कि बचाव टीमें दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं। इस हादसे में विमान का पूरा केबिन जलकर राख हो गया, जिसमें किसी के जिंदा होने के निशान नहीं मिले हैं। इस बीच ईरानी न्यूज एजेंसी ने बताया कि हादसे में किसी के बचने की कोई उम्मीद नहीं है, क्योंकि राष्ट्रपति का चॉपर पूरी तरह से तबाह हो गया।

ईरान के प्रेस टीवी के अनुसार, रेस्क्यू दल ने ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर का पता लगा लिया है। दुर्घटनास्थल पर किसी भी जीवित व्यक्ति का कोई सुराग नहीं मिला है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पूर्वी अजरबैजान के दौरे गए थे। वे अपने विमान से राजधानी तेहरान लौट रहे थे, तभी उत्तर-पश्चिम में अजरबैजान देश की सीमा से सटे जुल्फा शहर के पास हादसा हो गया। उनके साथ हेलीकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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