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2019 चुनावों में इस्तेमाल होंगी टेम्पर-डिटेक्ट वोटिंग मशीनें : जैदी
नई दिल्ली, 5 जुलाई (आईएएनएस)| केंद्रीय निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी ने बुधवार को कहा कि 2019 के आम चुनाव में ऐसी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) इस्तेमाल की जाएंगी, जो किसी भी तरह की छेड़छाड़ होने पर काम करना बंद कर देंगी। उन्होंने बताया कि अभी इन ‘टेम्पर डिटेक्ट’ एम3 इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का निर्माण चल रहा है।
जैदी ने आईएएनएस से कहा, मैं कहना चाहूंगा कि आयोग हमेशा से ईवीएम मशीनों की सुरक्षा कड़े करने से संबंधित सुझावों और उपायों का स्वागत करता रहा है। हमारी मशीनें नवीनतम प्रौद्योगिकी से लैस होती जा रही हैं। अभी हम तीसरी पीढ़ी की एम3 मशीनों का निर्माण कर रहे हैं, जिनमें कई सुरक्षा फीचर होंगे। आम आदमी की भाषा में वे टेंपर-डिटेक्ट होंगी। इसका मतलब है कि अगर आप उसके किसी हिस्से के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करेंगे या कोई पेंच या बॉक्स खोलने की कोशिश करेंगे तो यह काम करना बंद कर देगी।
उन्होंने कहा, 2019 तक हमारे पास एम3 मशीनें होंगी।
इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) संयंत्रों में अगस्त से ही एम3 वोटिंग मशीनों का निर्माण शुरू है। ये एम3 वोटिंग मशीनें चरणबद्ध तरीके से मौजूदा वोटिंग मशीनों की जगह लेंगी।
अगले साल सितंबर तक उपयुक्त संख्या में एम3 वोटिंग मशीनें निर्मित कर ली जाएंगी।
बुधवार को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे जैदी ने कहा कि इसके अलावा, 2019 तक सभी वोटिंग मशीनों के साथ वीवीपैट जोड़ दिया जाएगा। आयोग को वीवीपैट के लिए पहले ही धनराशि मिल चुकी है और आयोग ने इसकी खरीदारी का ऑर्डर भी दे दिया है।
जैदी ने नई एम3 वोटिंग मशीनों में शामिल किए गए एक अन्य सुरक्षा फीचर सेल्फ डायग्नोसिस के बारे में भी बताया। इस फीचर से युक्त नई वोटिंग मशीनें खुद ब खुद सॉफ्टवेयर या सिस्टम में आई गड़बड़ी की पहचान कर लेंगी और मशीन पर लगे डिस्प्ले पर संबंधित जानकारी भी देंगी।
जैदी ने कहा, तीसरा अहम सुरक्षा फीचर है डिजिटल सर्टिफिकेशन। वोटिंग मशीन में लगी कंट्रोल यूनिट और बैलट यूनिट का एकदूसरे के साथ संपर्क होगा। अगर कोई बाहर से मशीन में कंट्रोल यूनिट या बैलट यूनिट लगाने की कोशिश करेगा तो डिजिटल सिग्नेचर का मिलान नहीं हो पाएगा और सिस्टम काम करना बंद कर देगी।
उन्होंने आगे बताया, वोटिंग मशीनों के परिचालन – उत्पादन, परिवहन, भंडारण, रख-रखाव और सुरक्षा – से संबंधित नियमों को और सख्त कर दिया गया है। वोटिंग मशीनों के परिवहन में इस्तेमाल होने वाले वाहनों में जीपीएस लगा होगा।
जैदी ने कहा कि वीवीपैट के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए आयोग एक विशाल कार्यक्रम शुरू करने जा रहा है और प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक निश्चित प्रतिशत तक वीवीपैट से निकले पेपर स्ट्रिप की भी गिनती की जाएगी।
उन्होंने कहा, प्रत्याशियों को उस निर्वाचन क्षेत्र का नाम बताना होगा, जहां वह पेपर स्ट्रिप की गिनती कराना चाहता हो और ऐसा किया जाएगा। मेरे खयाल से इससे ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठा विवाद समाप्त हो जाएगा और विश्वसनीयता बहाल होगी।
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पश्चिम बंगाल के श्रीरामपुर में बोले अमित शाह, पीओके भारत का है और हम इसे लेकर रहेंगे
श्रीरामपुर। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के हुगली के श्रीरामपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर प्रहार किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और ममता बनर्जी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ये पीओके भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी, कांग्रेस-सिंडिकेट कहती है कि धारा 370 को मत हटाओ। मैंने संसद में पूछा कि क्यों न हटाएं तो उन्होंने कहा कि खून की नदियां बह जाएंगी। 5 साल हो गए खून कि नदियां छोड़ो किसी की कंकड़ चलाने की हिम्मत नहीं है। जब INDI गठबंधन का शासन था तो हमारे कश्मीर में हड़तालें होती थीं। आज पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हड़ताल होती है। पहले कश्मीर में आजादी के नारे लगते थे, अब पाक अधिकृत कश्मीर में नारेबाजी होती है। राहुल गांधी, आपको डरना है तो डरते रहिए, ममता बनर्जी आपको डरना है तो डरते रहिए लेकिन मैं आज श्रीरामपुर की धरती से कहता हूं कि ये पाक अधिकृत कश्मीर भारत का है और हम उसे लेकर रहेंगे।
अमित शाह ने कहा आने वाले चुनाव में आप सभी वोट डालने वाले हैं। इस चुनाव में एक ओर परिवारवादी पार्टियां हैं जिसमें ममता बनर्जी अपने भतीजे को, शरद पवार अपनी बेटी को, उद्धव ठाकरे अपने बेटे को, स्टालिन अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं और सोनिया गांधी, राहुल बाबा को पीएम बनाना चाहती हैं। वहीं दूसरी ओर गरीब चाय वाले के घर में जन्में इस देश के महान नेता नरेन्द्र मोदी जी हैं।
नरेन्द्र मोदी जी ने बंगाल के विकास के लिए ढेर सारे कार्य किए हैं। मैं ममता दीदी से पूछना चाहता हूं कि 10 साल तक आपके लोग सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री रहे, लेकिन सोनिया-मनमोहन सिंह की सरकार ने बंगाल के विकास के लिए क्या किया। उनकी सरकार ने 10 साल में बंगाल के विकास के लिए मात्र 2 लाख करोड़ रुपये दिए। जबकि मोदी जी ने 10 साल में 9 लाख, 25 हजार करोड़ रुपये देने का काम किया।
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