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20 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी, 15 हजार करोड़ बचाए : मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कहा कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) से रसोई गैस पर 15,000 करोड़ रुपये बचाए जा सके हैं। प्रधानमंत्री ने देश के 69वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के ‘गिव इट अप’ अभियान से प्रेरित होकर अब तक करीब 20 लाख लोगों ने रसोई गैस पर अपनी सब्सिडी छोड़ दी।

उन्होंने कहा, “हमने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के तहत रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी सीधे लोगों के खाते में दी..हमने जन धन योजना और आधार कार्ड का इस्तेमाल किया..इन कारणों से बिचौलियों और काला बाजारियों के धंधों पर मार पड़ी।” प्रधानमंत्री ने कहा, “हमने व्यवस्था को दुरुस्त किया और हर साल सब्सिडी के नाम पर जिस 15,000 करोड़ रुपये का गबन किया जाता था, उसे बचाया।” मोदी ने अपनी सरकार के ‘गिव इट अप’ अभियान का भी जिक्र किया, जिसके तहत उन्होंने आर्थिक रूप से संपन्न परिवारों से रसोई गैस पर मिलने वाली सब्सिडी छोड़ने की अपील की है।

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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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