Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

‘2 साल में हल हो सकती है नगा समस्या’

Published

on

Loading

नई दिल्ली। नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालिम (एनीएससीएन) का मानना है कि अगर भारत सरकार इच्छा शक्ति दिखाए तो नगा समस्या दो साल के अंदर निपट सकती है। इस संगठन ने नगा समस्या को निपटाने के लिए केंद्र सरकार और नगा सोशलिस्ट काउंसिल (इसाक-मुइवा) के बीच हुए समझौते का समर्थन किया है।

एनएससीएन (रिफार्मेशन) के अध्यक्ष वाई. वांगतिन नगा ने कहा, “हम दशकों से नगा संप्रभुता के लिए लड़ रहे हैं। हम भारत और म्यांमार के नगा बहुल इलाकों को मिलाकर नगा देश की मांग करते रहे हैं। लेकिन, हमने पाया कि यह असंभव है। इसलिए भारत की तरफ रहने वाले नगाओं को भारत से और म्यांमार की तरफ रहने वाले नगाओं को म्यांमार से मसले के हल के लिए बात करनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि अगर वार्ता असफल हो जाती है तो फिर वे अगले दो दशकों तक और लड़ने के लिए तैयार हैं। वांगतिन एनएससीएन (रिफार्मेशन) के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ नगा शांति समझौते के वार्ताकार आर.एन.रवि से मुलाकात करने यहां आए हुए हैं। इस मुलाकात का खास मुद्दा यह है कि एनएससीएन (एम-आई) और केंद्र के बीच हुए नगा समझौते और इससे संबद्ध शांति वार्ता में एनएससीएन (रिफार्मेशन) की क्या भूमिका होगी।

एनएससीएन (रिफार्मेशन) के महासचिव पी. तिखक ने कहा, “हम नगा लोगों के लिए काम करते हैं। इन लोगों ने काफी कुछ सहा है। हम इस बात की सराहना करते हैं कि भारत सरकार यह समझ गई है कि वे भारतीय हैं और हम नगा हैं और यह कि नगा भारतीय नहीं हैं (उनकी अपनी खास पहचान है)। इन दो बातों की अहमियत को कम नहीं करना चाहिए।” तिखक ने कहा, “इस बात की जरूरत है कि नगा लोगों को अपनी तरह से जीने दिया जाए, अपनी तरह से विकास करने दिया जाए। जहां तक भारतीयों और नगाओं का संबंध है, ये दोनों हमेशा साथ रह सकते हैं और अपनी अपनी संप्रभुता के साथ एक दूसरे की मदद कर सकते हैं।”

तिखक ने कहा, “जब तक नगा शांति समझौता नगा लोगों के हित में है, हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन समझौते का नतीजा पूरी तरह से नागा लोगों के पक्ष में होना चाहिए।” वांगतिन पहले एनएससीएन (खापलांग) के साथ रह चुके हैं। वह कहते हैं कि दो नेताओं निकी सुमी और स्तारसन लामकांग ने एस.एस. खापलांग को इतना भ्रमित किया कि उन्होंने भारत के साथ संघर्षविराम को तोड़ दिया। यह खापलांग की सबसे बड़ी गलती थी। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में सक्रिय उल्फा जैसे अन्य संगठन भी खापलांग को बरगलाते रहते हैं। उन्हें लगता था कि संघर्षविराम तोड़ने से भारत सरकार डर जाएगी। उन्होंने और तिखक ने खापलांग को समझाना चाहा, लेकिन समझने के बजाय उन्होंने दोनों को संगठन से निकाल दिया।

नेशनल

सामने आई स्वाति मालीवाल की मेडिकल रिपोर्ट, शरीर के इन हिस्सों पर चोट के निशान

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल के साथ हुई मारपीट के बाद उनका एम्स में मेडिकल टेस्ट कराया गया था, जिसकी रिपोर्ट आ गई हैं। रिपोर्ट देखकर पता चलता है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोट लगी थी। एम्स की रिपोर्ट में सामने आया है कि स्वाति मालीवाल को ‘बाएं पैर के थाइस’ पर 3×2 सेंटीमीटर के आकार की चोट थी और उनके ‘दाहिनी आंख के नीचे दाहिने गाल’ पर 2×2 सेंटीमीटर आकार की एक और चोट थी।

एम्स के डॉक्टर आनंद गंगदेव द्वारा बनाई गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मरीज द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक सीएम के आवास पर 13 मई को उनपर परिचित व्यक्ति ने हमला किया था. उन्हें कई बार थप्पड़ मारे गए और उनके सिर पर कठोर वस्तु से हमला किया गया और वह जमीन पर गिर गईं. उनके पेट, पेल्विस और चेस्ट पर पैर से कई बार मारा गया. मरीज फिलहाल जांघ और पेल्विस एरिया में दर्द की शिकायत कर रहा है।

सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने सीएम केजरीवाल के आवास से विभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें सिविल लाइन्स थाने लेकर जाया गया है। दिल्ली पुलिस को पहले ही बिभव कुमार के सीएम हाउस में होने का इनपुट मिला था। सूचना के बाद पुलिस टीम में एसएचओ सिविल लाइंस और एडिशनल डीसीपी नॉर्थ सीएम आवास पर पहुंचे थे। सूचना मिलने के बाद एक गाड़ी सीएम हाउस में पहुंची थी। दिल्ली पुलिस की टीम जब सीएम हाउस पर पहुंची तब वहां पर पहले से ही गेट खुले हुए थे। इस गाड़ी को गेट पर नहीं रोका गया और गाड़ी सीधा सीएम हाउस में चली गई। गाड़ी के लिए पहले से सीएम हाउस में मैसेज था। इसके बाद दिल्ली पुलिस की टीम सीधे सीएम हाउस में गई और फिर वहां से बिभव कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

बता दें कि गिरफ्तारी से पहले ही बिभव कुमार ने एक मेल किया था, जिसमें उसने हर जांच के लिए साथ देने की बात कही थी। अपने मेल में बिभव कुमार ने लिखा कि ‘मैं हर जांच में सहयोग को तैयार हूं। मुझे मीडिया के माध्यम से FIR दर्ज होने के बारे में जानकारी हुई। अभी तक मुझे एफआईआर के बाद कोई नोटिस नहीं दिया गया है। मेरी शिकायत पर भी दिल्ली पुलिस संज्ञान ले।’

Continue Reading

Trending